इंडिया की अदालतों में क्यों लग जाता है केसों का अंबार? मिसाल दे CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने दिया रोचक जवाब, देखें क्या कहा
CJI DY Chandrachud on Judicial Function: डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, "हम सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई की लाइव-स्ट्रीमिंग कर रहे हैं ताकि लोग देख सकें कि अदालत उनके मामलों को लेकर कितनी गंभीर है."
CJI DY Chandrachud: सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने अदालती मामलों में लगातार होते इजाफे को लेकर कहा है कि ये दर्शाता है कि लोगों का भरोसा न्यायिक व्यवस्था में कायम हुआ है.
समाचार एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा, "अदालती मामलों की संख्या में वृद्धि हुई है क्योंकि लोगों का विश्वास बढ़ा है. हमें बुनियादी ढांचे को बढ़ाने और नए माध्यमों को अपनाने की जरूरत है. हाल ही में, हमने लोक अदालत की प्रणाली को अपनाया जिसमें हमने हर तरीके मंजूरी दे दी, इससे हमने 5 दिनों में 1000 मामलों का निपटारा किया."
मुख्य न्यायाधीश ने कहा, "इस साल 6 सप्ताह के ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान सुप्रीम कोर्ट की 21 पीठें काम कर रही थीं. इस दौरान हमने 4000 मामले सुने और 1170 मामले का निपटारा कियाय"
#WATCH | Chandigarh: CJI DY Chandrachud says, "... The no. of court cases has increased because people's faith has increased... We need to increase the infrastructure and adopt new mediums. Recently, we adopted the system of Lok Adalat in which we cleared around 1000 cases in 5… pic.twitter.com/Uds2LmKCLM
— ANI (@ANI) August 10, 2024
37000 केसों का एआई के जरिए अनुवाद
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने बताया कि लोगों के लिए अदालती कार्रवाई को समझना उनके लिए कितना जरूरी है और इसलिए वह इस दिशा में काम कर रहे हैं कि लोगों को उनके केस की स्थिति का अंदाजा हो कि कोर्ट में उनके केस में क्या चल रहा है.
उन्होंने कहा, "अदालतों में हमारी भाषा अंग्रेजी है. आम आदमी को समझाने के लिए उनके मामले में क्या चल रहा है, हम 1950 से 2024 तक सुप्रीम कोर्ट के फैसलों के अनुवाद के लिए एआई को इस्तेमाल कर रहे हैं. अब तक हमने 37000 मामलों में से 22 हजार केसों को पंजाबी में ट्रांसलेट करवा लिया है. जबकि 36 हजार केसों का तर्जुमा हिंदी में किया जा चुका है."
'लोग जान सकें कि सुप्रीम कोर्ट उनके केस को लेकर कितना गंभीर'
डीवाई चंद्रचूड़ ने अदालतों की पारदर्शिता की ओर इशारा करते हुए कहा, "हम सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई की लाइव-स्ट्रीमिंग कर रहे हैं ताकि लोग देख सकें कि अदालत उनके मामलों को लेकर कितनी गंभीर है."
ये भी पढ़ें:
ओलंपिक वाले मामलों में कौन सा जज सुनाता है फैसला? जानें फोगाट मामले में कहां हो रही सुनवाई