CJI DY Chandrachud: देश के सर्वोच्च न्यायालय (सुप्रीम कोर्ट) ने लोगों को आगाह किया है कि उनकी नकली वेबसाइट्स बनाकर ठगने की कोशिश की जा रही है. फर्जी वेबसाइट्स बनाकर लोगों को गुमराह करके उनकी निजी जानकारियां मांगी जा रही हैं. सुप्रीम कोर्ट की ओर से जारी नोटिस में लोगों को इससे बचने की सलाह दी गई. साथ ही ये बताया कि कोर्ट की रजिस्ट्री कभी भी किसी से निजी जानकारी नहीं मांगती.


नोटिस में कहा गया है, “रजिस्ट्री बड़े पैमाने पर जनता को दृढ़ता से सलाह देती है कि वे प्रामाणिकता की पुष्टि किए बिना किसी भी लिंक पर न तो क्लिक करें और न ही शेयर करें. कृपया ध्यान दें कि रजिस्ट्री, भारत का सर्वोच्च न्यायालय कभी भी व्यक्तिगत जानकारी, वित्तीय विवरण या अन्य गोपनीय जानकारी नहीं मांगेगा.”


क्या कहा कोर्ट ने?


सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि कोर्ट की वेबसाइट- www.sci.gov.in है लेकिन http://cbins/scigv.com और https://cbins.scigv.com/offence इस तरह की फर्जी वेबसाइट्स बनाकर लोगों को गुमराह किया जा रहा है. किसी भी यूआरएल पर क्लिक करने से पहले सत्यापित करें कि ये सुप्रीम कोर्ट की असली वेबसाइट है या नहीं.


इसके साथ ही अदालत ने फिशिंग अटैक के पीड़ितों को सभी ऑनलाइन अकाउंट के पासवर्ड बदलने और अनऑथराइज्ड एक्सेस की रिपोर्ट करने के लिए अपने बैंक और क्रेडिट कार्ड कंपनियों से संपर्क करने की सलाह दी. देश के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ ने वकीलों और वादियों को सुप्रीम कोर्ट की फर्जी वेबसाइट्स के बारे में चेतावनी दी और उनसे मौद्रिक लेनदेन से सावधान रहने के लिए कहा.


दरअसल सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ संविधान पीठ में आर्टिकल 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रहे हैं. इस दौरान उन्होंने कहा, “कृपया सावधान रहें. उस लिंक पर क्लिक न करें. मौद्रिक लेनदेन के लिए इसका उपयोग न करें.”


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