CAA Rules: 'असंवैधानिक है सीएए', CJI चंद्रचूड़ के बेटे अभिनव का 4 साल पुराना वीडियो वायरल
CJI Son Viral Video On CAA: सीएए लागू होने के बाद विपक्षी दलों के हंगामे के बीच CJI डीवाई चन्द्रचूड़ के बेटे अभिनव चंद्रचूड़ का एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें वह इस कानून पर कई सवाल खड़े कर रहे हैं.
CJI Son Viral Video On CAA: नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 (सीएए) लागू हो जाने के बाद विपक्षी दल लगातार केंद्र सरकार पर हमलावर हैं. इस बीच चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ के बेटे अभिनव चंद्रचूड़ का एक वीडियो वायरल हुआ है.
इसमें वह बता रहे हैं कि सीएए क्यों असंवैधानिक है. वीडियो में अभिनव ने तर्क दिया कि सीएए असंवैधानिक है, क्योंकि इसमें यहूदियों को भी नागरिकता देने की बात को शामिल नहीं किया गया है.
4 साल पुराना है वीडियो
अभिनव चंद्रचूड़ भी पेशे से वकील हैं. हालांकि उनका यह वीडियो आज का नहीं बल्कि साल 2020 का है. अभिनव ने वीडियो में कहा है कि भारत छोड़ने वाले मुसलमानों की संपत्ति हिंदुओं और सिखों को दे दी गई. अभिनव ने कहा, ''इसलिए भारत छोड़ने वाले और जो भारत वापस आना चाहते थे, उनके लिए एक परमिट प्रणाली आई. हालांकि, परमिट प्रणाली का उपयोग पूर्वी पाकिस्तान के लिए नहीं किया गया था.''
Advocate Abhinav Chandrachud, Son of Chief Justice of India DY Chandrachud explaining the flaws of CAA.
— Dr Ranjan (@AAPforNewIndia) March 12, 2024
Do Watch.pic.twitter.com/METgIaYYt7
क्या है अभिनव का तर्क?
2020 में सीएए विरोधी प्रदर्शन के दौरान के अपने वीडियो में अभिनव ने कहा था, ''यहूदियों को सीएए में क्यों शामिल नहीं किया गया तो उन्हें बताया गया कि यहूदियों के पास इज़रायल है. फिर ईसाइयों और बौद्धों का भी अपना देश है. हमने नास्तिकों को शामिल नहीं किया है. आपने उन अज्ञेयवादियों को बाहर कर दिया है जो नहीं जानते कि ईश्वर है या नहीं. आपने मुसलमानों को बाहर कर दिया है.''
अपनी किताबों के लिए सुर्खियों में रहते हैं अभिनव
अभिनव चंद्रचूड़ बॉम्बे हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करते हैं. वह अक्सर अपनी किताबों और लेखों के लिए सुर्खियों में रहते हैं. अभिनव चंद्रचूड़ ने भी अपने पिता की तरह ही हार्वर्ड लॉ स्कूल से LL.M. किया है. 2007-2008 में अभिनव को बेस्ट स्टूडेंट के लिए यशवंत दलाल और रंगनाथ राव पुरस्कार मिला था. अभिनव ने अपनी पहली किताब 26 साल की उम्र में लिखी थी. अब तक वह आठ किताबें लिख चुके हैं.