वकील ने रात 10 भेजा ईमेल, CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने लगा दी क्लास, जानें क्या कहा
Court News: प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने हाल में एक वकील से कहा कि आवश्यक होने पर वह पहले ईमेल भेजने का नियम न तोड़े. वकील ने रात 10 बजे ईमेल भेजा था.
CJI DY Chandrachud Remarks: सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ अनुशासनहीनता के मुद्दे पर सख्त रवैये के लिए जाने जाते हैं. हाल में एक वकील के रात 10 बजे भेजे गए ईमेल के मामले पर सीजेआई ने कड़ी प्रतिक्रिया दी.
बार एंड बेंच की एक X पोस्ट के मुताबिक, रात 10 बजे ईमेल भेजने वाले वकील को सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, '' अगर कुछ जरूरी है तो कृपया पहले ईमेल भेजने का नियम न तोड़ें.''
और क्या बोले सीजेआई चंद्रचूड़?
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, ''क्या यह एमटीपी (मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी) या डिमोलिशन है? कृपया अनरीजनेबल (अनुचित) न बनें, सीजेआई को भी पढ़ने के लिए कुछ समय दें...'' उन्होंने कहा कि जज भी बिजी हैं, हमेशा साथ नहीं रह सकते.
स्थगन के मुद्दे पर सीजेआई की टिप्पणी
वहीं, शनिवार (2 मार्च) को गुजरात के कच्छ जिले में अखिल भारतीय जिला न्यायाधीशों के सम्मेलन में सीजेआई ने कहा कि देश के ज्यूडिशियल सिस्टम में ‘स्थगन का चलन’ मुकदमा लड़ने वाले लोगों की पीड़ा को बढ़ाता है. उन्होंने यहां तक कहा कि अदालतों को फैसले सुनाने के लिए लोगों के मरने का इंतजार नहीं करना चाहिए.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, सीजेआई ने कहा, ‘‘एक बड़ा मुद्दा स्थगन का चलन है. कार्यवाही में देरी के लिए बार-बार अनुरोध करने के इस चलन का हमारी कानून प्रणाली की दक्षता और अखंडता पर दूरगामी प्रभाव पड़ता है.’’ उन्होंने कहा कि आम लोगों का मानना है कि यह ज्यूडिशियल सिस्टम का हिस्सा बन गया है. यह वादियों की पीड़ा को बढ़ा सकता है और मामलों के लंबित रहने के चक्र को बनाए रख सकता है
सीजेआई ने एक किसान के मामले के उदाहरण का हवाला देते हुए कहा, ‘‘हमें अपने नागरिकों के मामले के फैसले के लिए उनके मरने का इंतजार नहीं करना चाहिए.’’
(भाषा इनपुट के साथ)
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