भारत के प्रधान न्यायाधीश (CJI) डी.वाई. चंद्रचूड़ (DY Chandrachud) ने शुक्रवार (5 जुलाई, 2024) को नागरिकों से आग्रह किया कि वे सुप्रीम कोर्ट में लंबित अपने विवादों को सौहार्दपूर्ण और शीघ्रता से हल करने के लिए 29 जुलाई से तीन अगस्त तक आयोजित होने वाली विशेष लोक अदालत में भाग लें.
सुप्रीम कोर्ट में लंबित मामलों की संख्या कम करने के लिए उच्चतम न्यायालय की स्थापना के 75वें वर्ष में विशेष लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा.
सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड किए गए एक वीडियो संदेश में मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने कहा, '29 जुलाई से तीन अगस्त 2024 तक, उच्चतम न्यायालय एक विशेष लोक अदालत का आयोजन कर रहा है. यह गतिविधियों की एक श्रृंखला का हिस्सा है, जिसे सुप्रीम कोर्ट अपनी स्थापना के 75वें वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित कर रहा है.'
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि न्याय संस्था के प्रति समर्पित न्यायाधीश लंबित मामलों की बड़ी संख्या को लेकर चिंतित हैं. जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, 'लोक अदालत हमारे नागरिकों से संबंधित मामलों को पूरी तरह से स्वैच्छिक, सहमतिपूर्ण तरीके से उनकी संतुष्टि के अनुसार हल करना चाहती है.'
उन्होंने कहा, 'इसलिए, अपने सभी सहयोगियों और सुप्रीम कोर्ट के कर्मचारियों की ओर से मैं उन सभी नागरिकों को, जिनके मामले उच्चतम न्यायालय में लंबित हैं, और वकीलों से अपील करता हूं कि वे इस अवसर का लाभ उठाएं और मामलों को शीघ्रता से एवं ऐसे तरीके से हल करने का प्रयास करें जो प्रत्येक पक्ष को स्वीकार्य हो.'
सुप्रीम कोर्ट में 84 हजार से ज्यादा केस पेंडिंग
नेशनल ज्यूडिशियल डेटा ग्रिड (NJDG) के अनुसार सुप्रीम कोर्ट में 84 हजार से ज्यादा मुकदमे पेंडिंग हैं, जिनमें से 66 हजार से अधिक सिविल और एक लाख 82 हजार से ज्यादा आपराधिक मामले शामिल हैं. NJDG के आंकड़ों के अनुसार देश की सबसे बड़ी अदालत में कुल 84,620 केस पेंडिंग पड़े हैं, जिनमें से 66,410 सिविल और 1,8,210 क्रिमिनल केस हैं.