डॉक्टर्स के बीच CJI डीवाई चंद्रचूड़ को क्यों याद आ गए 'मुन्ना भाई'? फिल्म से ये बात सिखाई
CJI DY Chandrachud: सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि युवा डॉक्टरों में अपने मरीजों के प्रति सहानुभूति और करुणा की भावना होनी चाहिए. साथ ही स्वास्थ्य क्षेत्र का लाभ ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचे.
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CJI DY Chandrachud: चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने शनिवार (10 अगस्त) को चंडीगढ़ स्थित पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च के 37वें दीक्षांत समारोह में युवा डॉक्टरों को संबोधित किया. इस दौरान सीजेआई ने कहा कि युवा डॉक्टरों में अपने मरीजों के प्रति सहानुभूति और करुणा की भावना होनी चाहिए. डी वाई चंद्रचूड़ ने फेमस फिल्म 'मुन्ना भाई एमबीबीएस' के एक सीन का जिक्र करते हुए कहा कि जहां संजय दत्त ने फिल्म में एक युवा को गर्मजोशी से गले लगाया, जिसे ‘जादू की झप्पी’ कहा. क्योंकि मरीज काफी परेशान था.
इस दौरान सीजेआई ने डॉक्टरों को अपना किस्सा सुनाया. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, मुन्ना भाई एमबीबीएस फिल्म में भारी-भरकम मेडिकल टर्मिनोलॉजी की बजाय, मुन्ना भाई ने एक युवा मरीज को गर्मजोशी और भावुकता से गले लगाया, जिसे वह जादू की झप्पी कहता था. क्योंकि मरीज एक चिकित्सा प्रक्रिया को लेकर बहुत परेशान था.
डॉक्टरों का एकमात्र उद्देश्य हो कि वे मानवता का भला करें- CJI
इस दौरान सीजेआई चंद्रचूड़ ने डॉक्टरों के बीच करुणा और सहानुभूति की जरूरतों को ध्यान में करने के लिए संजय दत्त की फिल्म ‘मुन्ना भाई एमबीबीएस’ के एक सीन का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि फिल्म में ‘मुन्ना भाई’ ने एक युवा मरीज को गर्मजोशी से गले लगाया, जिसे उन्होंने ‘जादू की झप्पी’ कहा. क्योंकि मरीज एक मेडिकल की जटिल समस्या से काफी दुखी था. सीजेआई ने कहा कि दयालुता का यह कदम वास्तविक स्नेह से भरा हुआ था, जो एक अस्पताल में इलाज के वातावरण के विपरीत था.
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि दयालुता का यह कदम वास्तविक स्नेह से भरा हुआ था, जो एक अस्पताल में इलाज के वातावरण के विपरीत था. उन्होंने कहा कि युवा डॉक्टरों में अपने मरीजों के प्रति सहानुभूति और करुणा की भावना होनी चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि डॉक्टरों का एकमात्र उद्देश्य हो कि वे मानवता का भला करें.
पिछले 62 सालों से PGIMER बना हुआ है बेहतर
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि भारत नवाचार के क्षेत्र के अग्रणी देशों में से एक है, मगर इसके फायदे बहुत कम लोगों तक ही पहुंच पाते हैं. उन्होंने डॉक्टरों से मेडिकल फील्ड में प्रगति को सभी के लिए सुलभ बनाने का आग्रह किया. उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि पीजीआईएमईआर भारत में कई चिकित्सा प्रगति और नवाचारों की आधारशिला रहा है. पिछले 62 सालों से उत्कृष्टता का प्रतीक बना हुआ है.
'इस पेशे से लोगों और समुदायों का करें भला'
प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘आज जब आप ग्रेजुएट हो रहे हैं तो आप उन दिग्गजों का अनुसरण कर रहे हैं, जो मेडिकल साइंस के विकास में अग्रणी रहे हैं. उन्होंने कहा कि चिकित्सा और कानून दोनों ही पेशे एक समान लक्ष्य रखते हैं, जोकि समर्पित सेवा के जरिए लोगों और समुदायों की भलाई करना है.
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