CJI Sanjiv Khanna: प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) संजीव खन्ना ने दिल्ली रिज क्षेत्र में सैकड़ों पेड़ों की कथित अवैध कटाई से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई से सोमवार ( 18 नवबंर 2024) को खुद को अलग कर लिया. इससे पहले रिटायर्ड प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने दिल्ली के उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना से व्यक्तिगत हलफनामा मांगा था. पीठ ने दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के कुछ अधिकारियों के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करने का भी निर्देश दिया था.
सीजेआई खन्ना ने कहा, "मैं एक बात बताना चाहूंगा कि राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण (नालसा) का अध्यक्ष रहते हुए मैं पटना गया था और दिल्ली के उपराज्यपाल के साथ वहां की जेलों का दौरा किया था. इसलिए, मेरे लिए याचिका पर सुनवाई करना उचित नहीं होगा." इसके बाद, पीठ ने इन याचिकाओं को 27 नवंबर से शुरू होने वाले सप्ताह में उस पीठ के समक्ष सूचीबद्ध करने का आदेश दिया, जिसके सदस्य प्रधान न्यायाधीश नहीं हैं.
रिज क्षेत्र में पेड़ों की अवैध कटाई का मुद्दा
सात नवंबर को शीर्ष अदालत ने दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) से दिल्ली रिज क्षेत्र में पेड़ों की कटाई से पूर्व की स्थिति बहाल करने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में पूछा था. रिज क्षेत्र में कथित तौर पर कई सौ पेड़ अवैध रूप से काटे गए थे. न्यायालय ने यह भी पूछा था कि प्राधिकारियों ने वहां कितना वृक्षारोपण किया है और क्या लगाए गए पेड़ों की संख्या का पता लगाने के लिए कोई स्वतंत्र तंत्र मौजूद है.
न्यायालय की ओर से दायर आदेश और सवाल
पीठ ने पूछा था, "क्या आप रिज में पूर्व स्थिति बहाल करने के लिए क्या कर रहे हैं?" और कहा था, "हम जानना चाहते हैं कि कितने पेड़ काटे गए और रिज में पूर्व स्थिति बहाल करने तथा वनारोपण के लिए क्या किया जा रहा है." याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन ने कहा कि भारतीय वन सर्वेक्षण (एफएसआई) की एक रिपोर्ट के अनुसार, कुल 1,670 पेड़ काटे गए थे. याचिकाकर्ता ने अधिकारियों पर अवमानना का आरोप लगाया है.
हालांकि, डीडीए ने पहले कहा था कि काटे गए पेड़ों की संख्या 642 है. शीर्ष अदालत ने संपर्क सड़क के निर्माण के लिए पेड़ों की कटाई को लेकर डीडीए उपाध्यक्ष को अवमानना नोटिस जारी किया था. पीठ ने कहा था कि रिज में 3,340 पेड़ लगाए जाने चाहिए और साथ ही काटे गए हर पेड़ की संख्या का 100 गुना पेड़ लगाया जाना चाहिए.
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