सीजेआई संजीव खन्ना ने क्यों चुनाव आयुक्तों के चयन मामले पर सुनवाई से खुद को अलग किया, जानिए
Sanjiv Khanna: CJI संजीव खन्ना ने चुनाव आयुक्तों के चयन मामले पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया.
Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना ने एक अहम फैसला लेते हुए चुनाव आयुक्तों और मुख्य निर्वाचन आयुक्त (CEC) के चयन को लेकर गठित समिति से खुद को अलग कर लिया. इस समिति का उद्देश्य सीईसी और ईसी की नियुक्ति करना है और इस पर सुनवाई से वह अब खुद को बाहर कर रहे हैं. इससे पहले प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह फैसला लिया था कि इस पैनल में सीजेआई, प्रधानमंत्री और लोकसभा में विपक्ष के नेता (LoP) होंगे.
केंद्र सरकार ने संसद के माध्यम से चुनाव आयुक्तों के चयन के लिए एक नया कानून बनाया था जिसके तहत पैनल में प्रधानमंत्री की ओर से नामित एक मंत्री, प्रधानमंत्री और लोकसभा में विपक्ष के नेता को शामिल किया गया. इस नए कानून के खिलाफ कई याचिकाएं दायर की गई. जिसमें मुख्य तर्क ये था कि इस पैनल में सरकार के पक्ष में 2:1 का अनुपात है जो इसे असंतुलित बनाता है. इन याचिकाओं में ये भी आरोप लगाया गया कि इस नए पैनल ने CJI को प्रभावी रूप से बाहर कर दिया है.
सीजेआई ने लिया अहम फैसला
इस मामले की सुनवाई के दौरान प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की पीठ में शामिल रहे सीजेआई ने कहा कि वे अब इन याचिकाओं पर सुनवाई नहीं कर सकते. याचिकाकर्ताओं के वकीलों से बात करते हुए उन्होंने इस मामले को सुनने से खुद को अलग कर लिया. यह कदम चुनाव आयुक्तों के चयन से जुड़ी विवादास्पद प्रक्रिया के मामले में सीजेआई की ओर से उठाया गया है.
विंटर वैकेशन के बाद सुनवाई जारी रहेगी
सीजेआई ने यह भी स्पष्ट किया कि इस मामले की सुनवाई अब शीतकालीन अवकाश के बाद दूसरी पीठ के सामने की जाएगी. याचिकाकर्ताओं ने मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त अधिनियम 2023 की धारा 7 की वैधता को चुनौती दी है और इसके संचालन पर रोक लगाने की भी मांग की है. ये मामला सुप्रीम कोर्ट में गंभीर रूप से विचाराधीन रहेगा और नई पीठ के समक्ष इसे फिर से सूचीबद्ध किया जाएगा.
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