Chief Justice Of India: भारत में सरकार के तीन मुख्य अंग होते हैं, विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका. भारत एक लोकतांत्रिक देश है और ऐसे में यहां कानून पर आधारित न्यायपालिका की स्वतंत्र व्यवस्था है. किसी भी तरह के विवाद का निपटारा न्यायपालिका के ही जिम्मे होता है, यहां तक विधायिका के जरिए बनाए गए कानून और कार्यपालिका के जरिए उसे लागू करने की निगरानी भी उसी के जिम्मे होती है. कानून की व्याख्या का भी जिम्मा न्यायपालिका पर होता है.


देश में अलग-अलग स्तर के न्यायालय हैं और देश की सबसे बड़ी अदालत सर्वोच्च न्यायलय है. यहां 30 न्यायाधीश और एक मुख्य न्यायाधीश होते हैं.


सर्वोच्च न्यायलय के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति कैसे होती है. इस पद पर नियुक्त व्यक्ति की सैलेरी कितनी होती है, जानिए- सभी बातें


कौसे होती है मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति


हमारे संविधान में मुख्यन्यायाधीश की नियुक्ति को लेकर किसी भी तरह का स्पष्ट ब्यौरा नहीं दिया गया है. संविधान के अनुच्छेद 124 (1) कहता है कि भारत का एक सुप्रीम कोर्ट होगा, जिसमें भारत का एक मुख्य न्यायाधीश होगा. लेकिन इस अनुच्छेद में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया की योग्यता और उसकी नियुक्ति क्या होगी इसपर कोई विस्तार से चर्चा नहीं की गई है.


नियुक्ति को लेकर कोई स्पष्ट ब्योरा न होने की वजह से अभी तक पुरानी परंपरा के अनुसार ही मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति होती है. इस परंपरा के अनुसार मौजूदा चीफ जस्टीस के रिटायर होने पर सुप्रीम कोर्ट में जो उस वक्त सबसे वरिष्ठ जज होते हैं उन्हें ही मुख्य न्यायाधीश के तौर पर नियुक्त किया जाता है.


कितनी होती है मुख्य न्यायाधीश की सैलेरी


सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के न्यायाधीशों का वेतन बढ़ाने के लिए हाल में केंद्र सरकार ने विधेयक पास कराया था. इसके बाद उनकी सैलेरी में 200 प्रतिशत की वृद्धि हुई. इस वक्त सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस का वेतन 2,80,000 रुपये है. इसके अलावा चीफ जस्टिस को अनेक तरह की सुविधाएं और भत्त्ता अलग से मिलता है. आपको बता दें कि राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति और राज्यपाल के बाद सबसे ज्यादा सैलरी सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को ही मिलती है. राष्ट्रपति को 5 लाख, उपराष्ट्रपति को 4 लाख और राज्यपाल को 3.5 लाख सैलरी मिलती है.


सेना प्रमुख और CJI


सैलरी के हिसाब से भी मुख्य न्यायाधीश का पद बड़ा होता है, जहां मुख्य न्यायाधीश को 2,80,000 सैलरी मिलती है, वहीं वरीयता क्रम में सेना अध्यक्ष का पद काफी छोटा होता है. राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गवर्नर और पूर्व राष्ट्रपति के बाद छठे स्थान पर मुख्य न्यायाधीश होते हैं, लेकिन सेना अध्यक्ष वरीयता क्रम में 12वें स्थान पर होते हैं. इसी तरह सैलरी भी मुख्य न्यायाधीश से कम होती है. सेना अध्यक्ष की सैलरी 2,50,00 रुपये होती है.


मुख्य न्यायाधीश के अधिकार




  1. मुख्य न्यायाधीश राष्ट्रपति को पद शपथ दिलाता है.

  2. राष्ट्रपति किसी भी सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट के न्यायाधीश की नियुक्ती करने से पहले मुख्य न्यायाधीश से चर्चा करेगा.

  3. आर्टिकल 130 मुख्यन्याधिश को यह अधिकार देता है कि वह सुप्रीम कोर्ट को दिल्ली से बाहर ले जाए. इसके लिए चीफ जस्टीस को राष्ट्रपति से अनुमत लेनी होगी.

  4. मुख्य न्यायाधीश को मास्टर ऑप रोस्टर भी कहते हैं. उन्हें केसों के आवंटन का अधिकार है.


चीफ जस्टीस को फ्री में मिलती है यह सुविधा


1-फ्री इलेक्ट्रीसिटी
2- मुख्यन्याधीष का टोल टैक्स नहीं कटता
3-यात्रा भत्ता
4-महंगाई भत्ता
5- मेडिकल भत्ता