सरकारी कर्मचारियों और पेंशनधारियों को महंगाई भत्ता देने के फैसले वाला दावा फर्जी- वित्त मंत्रालय
सोशल मीडिया पर ये दावा किया जा रहा था कि सरकार ने सरकारी कर्मचारियों और पेंशनधारियों को महंगाई भत्ता देने का फैसला किया है. इस दावे को सही दिखाने के लिए एक कार्यालय आदेश की कॉपी भी दिखाई जा रही थी. इस दावे को वित्त मंत्रालय ने पूरी तरह से फर्जी बताया. मंत्रालय ने कहा कि सरकार ने ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया है.
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नई दिल्ली: शनिवार को दिनभर सोशल मीडिया किया जा रहा दावा ख़ूब वायरल हुआ. दावा ये किया जा रहा था कि सरकार ने सरकारी कर्मचारियों और पेंशनधारियों को महंगाई भत्ता देने का फ़ैसला किया है. दावा विश्वसनीय और प्रामाणिक लगे इसके लिए बकायदा एक कार्यालय आदेश की कॉपी भी दिखाई जा रही थी.
आदेश में केंद्रीय वित्त सचिव टी वी सौम्यनाथन के हस्ताक्षर के साथ लिखा हुआ था कि कोरोना काल शुरू होने के बाद महंगाई भत्ते पर लगी रोक हटा ली गई है. इतना ही नहीं , ये भी दावा किया गया कि आने वाले 1 जुलाई से सरकार ने महंगाई भत्ते की क़िस्त जारी करने का फ़ैसला किया है.
अब वित्त मंत्रालय ने इस दावे को पूरी तरह ग़लत बताया है. मंत्रालय ने कार्यालय आदेश की उस कॉपी को भी फ़र्ज़ी बताया है जिसको दिखाकर ये दावा किया जा रहा था. मंत्रालय ने एक ट्वीट करके कहा है कि सोशल मीडिया पर किया जा रहा दावा ग़लत है और सरकार ने ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया है.
A document is doing rounds on social media claiming resumption of DA to Central Government employees & Dearness Relief to Central Government pensioners from July 2021.
— Ministry of Finance (@FinMinIndia) June 26, 2021
𝗧𝗵𝗶𝘀 𝗢𝗠 𝗶𝘀 #𝗙𝗔𝗞𝗘. 𝗡𝗼 𝘀𝘂𝗰𝗵 𝗢𝗠 𝗵𝗮𝘀 𝗯𝗲𝗲𝗻 𝗶𝘀𝘀𝘂𝗲𝗱 𝗯𝘆 𝐆𝐎𝐈. pic.twitter.com/HMcQVj81Sf
दरअसल पिछले साल कोरोना महामारी शुरू होने के बाद अप्रैल के महीने में केंद्रीय कैबिनेट ने सरकारी कर्मचारियों को मिलने वाले महंगाई भत्ते की दो किस्तों को जारी करने पर रोक लगा दी थी. चूंकि महंगाई भत्ते की क़िस्त हर छह महीने पर जारी की जाती है. एक बार 1 जनवरी से जबकि दूसरी बार 1 जुलाई से. लिहाज़ा ये रोक एक साल के लिए थी. रोक की अवधि अब समाप्त होने वाली है और इसलिए सोशल मीडिया पर ये फ़र्ज़ी दावा भी कर दिया गया.
शनिवार को ही पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सरकार से महंगाई भत्ता जारी करने की मांग की है. एक ट्वीट कर उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि कोरोना काल में सरकारी कर्मचारियों का साहस बढ़ाने की जगह लोगों की गाढ़ी कमाई चूस रही है. ये अब तक पता नहीं कि सरकार इसे जारी करने का फ़ैसला कबतक करेगी. आमतौर पर एक जुलाई से लागू होने वाले महंगाई भत्ते का ऐलान दुर्गापूजा के ठीक पहले किया जाता है.
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