(Source: Dainik Bhaskar)
AAP और कांग्रेस में जुबानी जंग, विपक्षी एकता पर चर्चा के बीच अब अरविंद केजरीवाल की पार्टी की ये है कोशिश
Congress Attack On AAP: आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस पार्टी के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई है. दोनों पार्टियों के नेताओं ने एक दूसरे पर हमला किया है.
Lok Sabha Elections 2024: आम आदमी पार्टी जिस विपक्षी एकता के बहाने कांग्रेस साथ नजदीकियां बढ़ाने की कोशिश में लगी हुई थी उसे एक बार फिर झटका लगता दिख रहा है. दोनों पार्टियों के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई है. दरअसल, कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज का एक बयान सामने आया है, जिसके बाद कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने भी उन पर हमला किया.
सौरभ भारद्वाज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान जब उनसे पूछा गया कि कांग्रेस मध्य प्रदेश और राजस्थान में आम आदमी पार्टी चुनाव लड़ेगी, वहां कांग्रेस पार्टी को नुकसान पहुंचाएगी. अगर दोनों पार्टियां एक-दूसरे के वोट काटेंगी, तो एक साथ आने का क्या मतलब है. इस पर सौरभ भारद्वाज ने कहा कि कांग्रेस अगर पंजाब और दिल्ली में चुनाव नहीं लड़ती है तो आम आदमी पार्टी (AAP) भी राजस्थान और मध्य प्रदेश में चुनाव नहीं लड़ेगी.
केंद्र के अध्यादेश पर आप मांग रही समर्थन
पार्टी के वरिष्ठ नेता सौरभ भारद्वाज का ये बयान उस वक्त सामने आया है जब एक तरफ़ पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल केन्द्र के अध्यादेश के खिलाफ सभी विपक्षी नेताओं से मुलाक़ात कर रहे है और राज्यसभा में इसे रोकने के लिये समर्थन जुटा रहे है. कांग्रेस से भी इस मुद्दे पर बातचीत के लिये केजरीवाल ने समय भी मांगा है.
हालांकि, अब तक कांग्रेस ने मिलने का समय नहीं दिया है लेकिन अब जिल तरह का बयान सौरभ भारद्वाज की तरफ़ से आया है उससे दोनों पार्टियों के बीच खटास बढ़ती हुई नजर आ रही है.
सौरभ भारद्वाज के बयान पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया
सौरभ के इस बयान के जवाब में कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हमारे यहां लेन-देन का चलन नही है. हम माप-तोल की बात नहीं करते है. हम उनके साथ खड़े है जो लोकतंत्र को बचाने का काम करते है. संविधान बचाने का काम करते है. सौरभ भारद्वाज फ्रस्टेट हो चुके हैं. कर्नाटक में उनको NOTA से भी कम वोट मिले है इसलिये वो निराश हो गये है और ऐसी बचकानी बात कर रहे हैं, हम लाइक मांइडेड पार्टियों के साथ खड़े हैं.
जुबानी जंग किस ओर कर रही इशारा?
कांग्रेस और AAP के बीच शुरू हुयी ये ज़ुबानी जंग काफ़ी कुछ इशारा करती है. सूत्रों की मानें तो केजरीवाल ने कांग्रेस से मुलाक़ात का जो समय मांगा था उसमें अब काफ़ी वक्त बीत चुका है. कांग्रेस की तरफ़ से अब तक साथ आने को लेकर कोई इशारा भी AAP को नहीं मिल रहा है. ऐसे में AAP की तरफ़ से अब कोशिश की जा रही है कि किसी तरह कांग्रेस पर दबाव बनाया जा सके.
यही वजह है कि इस तरह के बयान अब पार्टी नेताओं की तरफ़ से सामने आने शुरू हो गए हैं. वहीं सूत्रों की मानें तो 23 जून को पटना में होने वाली विपक्षी नेताओं की मीटिंग में भी अरविंद केजरीवाल की कोशिश रहेगी कि शरद पवार और नीतिश कुमार जैसे नेताओं के ज़रिए कांग्रेस पर अध्यादेश के ख़िलाफ़ साथ आने का दबाव बनाया जा सके.
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