नई दिल्ली: बिहार से झारखंड के अलग होने के बाद लंबे समय से बीजेपी के साथ रही आल झारखंड स्टूडेंट पार्टी (आजसू) इस बार अकेले चुनावी वैतरणी को पार करने में जुटी है. माना जा रहा है कि आगामी विधानसभा चुनाव में बीजेपी और आजसू का गठबंधन टूटने की कगार पर है.


देश में एनडीए की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं. जहां एक तरफ बीजेपी की दोस्त कहे जाने वाली पार्टी शिवसेना एनडीए को अलविदा कह दिया है. वहीं अब झारखंड में भी बीजेपी और आजसू के रिश्ते अच्छे नहीं चल रहे हैं. दोनों ही पार्टियों में आगामी विधानसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर चल रही अनबन की खबरें आ रही हैं. खबरें ये भी हैं कि दोनों ही दल सीट शेयरिंग को लेकर झुकने को तैयार नहीं हैं. लोकसभा चुनाव में बीजेपी के सहारे पहली बार संसद पहुंचने वाली आजसू पार्टी विधानसभा विधानसभा में कॉम्प्रोमाईज़ करने के मूड में नही है.


सीट शेयरिंग को लेकर बात नहीं बनने पर आजसू ने सोमवार को बीजेपी की 4 सीट पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए. झारखंड की रीजनल पार्टी आजसू ने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुआ के खिलाफ भी चक्रधरपुर विधानसभा से उम्मीदवार मैदान में उतार दिया है. इसके अलावा मांडू ,सिंदरी,सिमरिया सीट पर भी अपने उम्मीदवार खड़े कर दिए हैं वहीं बीजेपी से टिकट नहीं मिलने वाले छतरपुर से नाराज सीटिंग एमएलए राधाकृष्ण किशोर को भी पार्टी में शामिल कर लिया. गठजोड़ नहीं होने पर पार्टी सुप्रीमो सुदेश महतो का अब भी कहना है कि एलाइंस टूटा नहीं है अगर बीजेपी सामने से आकर वार्ता करती है तो बात आगे बन सकती है.


ऐसा माना जा रहा है कि सीट शेयरिंग को लेकर खुद को अलग करना आजसू की भी मजबूरी है.पार्टी 15 से 20 सीट पर दावा कर रही थी जिसमें चंदनकियारी और लोहरदगा पर खास दावेदारी थी. बीजेपी के लिए भी दोनों सीट जरूरी हैं. चंदनकियारी से फिलहाल मंत्री रहे अमर बावरी उम्मीदवार हैं. वहीं लोहरदगा से हाल में कांग्रेस से आए मौजूदा विधयाक सुखदेव भगत हैं. दोनों सीट पर आजसू की भी मजबूत तैयारी है. वहीं बीजेपी प्रवक्ता का कहना है कि आजसू हमारी पुरानी सहयोगी पार्टी है और हम अपनी दोस्ती तोड़ना नहीं चाहते हैं.आजसू ज्वाइन करने वाले बीजेपी के मौजूदा विधायक राधाकृष्ण किशोर के बारे में कहा कि हमारे लिए पार्टी महत्वपूर्ण है व्यक्ति विशेष महत्व नहीं रखता है.