नई दिल्ली: दिल्ली में सीलिंग को लेकर एक बार फिर बवाल हुआ है, मायापुरी इलाके में एनजीटी के आदेश के बाद सुरक्षा बलों की टीम फैक्ट्रियों में सीलिंग के लिए गई थी. यहां सुरक्षा बलों और स्थानीय लोगों में मारपीट हुई है. घटना की दो तस्वीरें सामने आई है, पहली तस्वीर में एक पुलिस वाले को कुछ लोग घेरकर पीट रहे हैं, कुछ लोग बचाने में भी जुटे हैं. जबकि दूसरी तस्वीर में जवान स्थानीय लोगों को पीट रहे हैं. ये दोनों ही वीडियो जंगल में आग की तरह वायरल हो रहे हैं.


जहां की ये घटना है वो दिल्ली की सबसे बड़ी कबाड़ मार्केट है. बताया जा रहा है कि सीलिंग के लिए दिल्ली पुलिस की टीम आईटीबीपी और सीआरपीएफ जवानों के साथ पहुंची थी. यहीं पर पहले जवानों पर पत्थरबाजी की गई, आईटीबीपी के एक जवान को बुरी तरह से पीटा गय. जिसके बाद आईटीबीपी ने जवानों ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया, जवानों ने भी ईंट और पत्थर फेंके.


पुलिस की कार्रवाई को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है. केजरीवाल ने ट्वीट किया, ''अपने ही व्यापारियों को इस तरह पीटना बेहद शर्मनाक है. व्यापारियों ने हमेशा धन और वोट से भाजपा का साथ दिया. बदले में भाजपा ने उनकी दुकानें सील की और उनको लाठियों से पीटा. चुनाव में भी व्यापारियों पर इतना बर्बर लाठी चार्ज? भाजपा साफ़ कह रही है- नहीं चाहिए भाजपा को व्यापारियों का साथ.'' केजरीवाल ने अपनी पार्टी के उस ट्वीट को रीट्वीट किया जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जनरल डार कहा गया था.






बीजेपी का पलटवार, तिवारी बोले- सीएम बन गए लेकिन शऊर नहीं है
सीलिंग पर अरविंद केजरीवाल के हमले के बाद बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने केजरीवाल पर हमला बोला है. मनोज तिवारी ने कहा, "हमारे पास सबूत है कि दिल्ली प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड जो कि दिल्ली सरकार के अंतर्गत आता है, उस पर दबाव डलवाकर आज सीलिंग की कार्रवाई गई. इसके लिए एसडीएम को धमकी दी गई, एमसीडी का इस सीलिंग से कोई लेना देना नही है. ये आचार संहिता का उल्लंघन है हमने चुनाव आयोग मे शिकायत दी है.''


तिवारी ने कहा, ''हमने हमेशा सीलिंग का विरोध किया है, 12 अमेंडमेंट भी ला चुके हैं. सीलिंग अरविंद केजरीवाल की साज़िश का हथियार है.दिल्ली की मॉनिटरिंग कमेटी सीधा अरविंद केजरीवाल के इशारे पर काम कर रही है. वो मुख्यमंत्री हैं क्यों नहीं रोकते सीलिंग, मुख्यमंत्री बन गए और इतना शऊर नहीं है की सीलिंग कैसे बन्द कराते हैं.''


दिल्ली में सीलिंग का मामला क्या है ?
दिल्ली में निर्माण के लिए एमसीडी से इजाजत जरूरी है. अवैध निर्माण की शिकायतों के बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने 2005 में एक्शन का आदेश दिया. सीलिंग विवाद सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, 2006 में सुप्रीम कोर्ट ने अवैध निर्माण की सीलिंग के आदेश दिए. तत्कालीन सरकार ने सीलिंग से बचाने के लिए कन्वर्जन चार्ज का प्रावधान किया. कन्वर्जन चार्ज देकर दुकानदार सीलिंग से बच सकते हैं. कई कारोबारियों ने कन्वर्जन चार्ज नहीं दिया, नाराज सुप्रीम कोर्ट ने ऐसी दुकानों और प्रापर्टी को सील करने का आदेश दिया. दिल्ली में दिसंबर 2017 से सीलिंग चल रही है. सुप्रीम कोर्ट की मॉनिटरिंग कमेटी की निगरानी में सीलिंग हो रही है. कन्वर्जन चार्ज जमा नहीं कराने वालों पर सख्ती की जा रही है.


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