कोरोना वायरस और मंकीपॉक्स के बाद अब एक और नए संक्रमण ने पैर पसारना शुरू कर दिया है. इन दिनों देशभर में इस बीमारी की चर्चा जोरों पर है. टोमेटो फीवर (Tomato Fever) एक वायरसजनित संक्रमण है, जिससे संक्रमित होने पर मरीज के हाथ, पैर और मुंह पर टमाटर की तरह लाल रंग के फफोले पड़ने लगते हैं. यही कारण है कि इस संक्रमण को टोमेटो फीवर या टोमेटो फ्लू कहा जाता है. 


हालांकि इस फ्लू के बारे में ये जानना बेहद जरूरी है कि यह जानलेवा नहीं है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की माने तो टोमेटो फीवर दस साल या उससे कम उम्र के बच्चे को संक्रमित कर रहा है. इसके अलावा कम इम्यूनिटी वाले लोग भी इसकी चपेट में आ रहे हैं. लैंसेट रेस्पिरेटरी जर्नल के अनुसार, इस फ्लू का सबसे पहला मामला केरल के कोल्लम में 6 मई को सामने आया था. धीरे धीरे अन्य राज्यों में भी ये मामले बढ़ते चले गए. जिसे देखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने केरल, तमिलनाडु, ओडिशा और हरियाणा सहित राज्यों के लिए एडवायजरी जारी की. जिसमें कहा गया है कि यह एक आत्म-सीमित बीमारी है जो ज्यादातर 1-10 साल की उम्र के छोटे बच्चों और कमजोर इम्यूनिटी वाले वयस्कों को अटैक करती है और इसके इलाज के लिए कोई विशिष्ट दवा मौजूद नहीं है. चलिए टोमेटो फीवर के लक्षण और कोविड-19 के लक्षण से उनकी समानता के बारे में जानते हैं पूरी जानकारी.


क्या है 'टोमेटो फ्लू'?


ये बीमारी कोक्ससैकीय A16 वायरस से होती है. इसमें हाथ, पैर और मुंह में ही लक्षण दिखाई देते हैं. इसलिए इसे हैंड, फुट और माउथ डिजीज भी कहा जाता है. ये बीमारी सांस लेने वाली नली के जरिए फैलती है. इस बीमारी में ज्यादत्तर मुंह के अंदर लाल छाले हो जाते है. सबसे पहले फीवर फिर गले में दर्द की शिकायत होती है. इसके अलावा हाथ, पैर और मुंह में लाल दाने भी हो जाते है.
 
इस फ्लू के बारे में ABP न्यूज से बात करते हुए चाइल्ड स्पेशलिस्ट (Paediatrician) डॉ दीपक ने कहा कि यह एक वायरस है जो पिछले कुछ दिनों से फैल रहा है और ज्यादात्तर बच्चों को अपनी चपेट में ले रहा है. उन्होंने कहा कि इसका इलाज सिम्पटोमिक तरीके से किया जाता है. हालांकि हमें इस वायरस को लेकर ज्यादा पैनिक क्रिएट करने की जरूरत नहीं है. इसका इलाज किया जा सकता है. 




उन्होंने कहा कि क्योंकि यह एक फैलने वाला संक्रमण है इसलिए जिस भी बच्चे को टोमेटो फ्लू या फीवर हुआ है उसे आइसोलेट रखना चाहिए. अगर किसी बच्चे में फीवर, शरीर में दर्द या चकत्ते जैसा लक्षण नजर आए तो उसे तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर किसी बच्चे को टोमेटो फीवर हो जाता है तो उसे पानी व तरल पदार्थों का सेवन पर्याप्त मात्रा में करना चाहिए. परिवार में मौजूद अन्य सदस्यों को उनसे दूर रखें और साफ-सफाई का ध्यान दें. संक्रमित के सामान को साझा न करें. फफोले सूखने पर खुजली न हो इसके लिए सरसों या गरी का तेल लगाएं. हाथों को साबुन से धोते रहें और चिकित्सकीय सलाह जरूर लें. 


टोमेटो फ्लू के लक्षण


चाइल्ड स्पेशलिस्ट ने कहा कि टोमेटो फ्लू के वायरस में कोविड-19 के समान लक्षण दिखाई देते हैं. इन लक्षणों में शुरू में शरीर में लाल रंग के फफोले व दाने पड़ना, तेज बुखार होना, शरीर में दर्द होना, जोड़ों में सूजन आना, ऐंठन के साथ पेट दर्द, उल्टी व दस्त आना, खांसी, छींक और नाक बहना, मुंह सूखना, डिहाइड्रेशन होना, थकान व कमजोरी, त्वचा में जलन शामिल है. उन्होंने कहा कि स्ट्रॉन्ग इम्यूनिटी किसी भी बीमारी या वायरस से शरीर को बचाने में मददगार होती है. बारिश में बदलाव कई बीमारियां लेकर आता है ऐसे में हर किसी को ख्याल रखना चाहिए कि उनका आहार पौष्टिक हो. 




कैसे होते हैं टेस्ट?


लैंसेट के एक रिसर्च के अनुसार, इस फ्लू का टेस्ट करने के लिए सबसे पहले बच्चों में लक्षण पकड़ा जाता है फिर डेंगू, चिकनगुनिया, जीका वायरस, वैरीसेला-ज़ोस्टर वायरस और दाद के निदान के लिए मालीक्यूलर और सीरोलॉजिकल टेस्ट किए जाते हैं. जब इन वायरल संक्रमणों की पुष्टि नहीं होती है तो टोमैटो फीवर कंफर्म होता है.