रूद्रपुर: उत्तराखंड के उधमसिंह नगर में सामने आये कथित 300 करोड़ रूपये के एनएच-74 घोटाले में एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए पुलिस ने एक पूर्व उपजिलाधिकारी के पूर्व रीडर को गिरफ्तार करते हुए उसके पास से घोटाले से संबंधित गायब हुई 201 फाइलें बरामद कीं.


उधमसिंह नगर जिले की जसपुर पुलिस ने पूर्व उप जिलाधिकारी हिमालय सिंह मर्तोलिया के पूर्व रीडर विकास कुमार को गिरफ्तार करके घोटाले से संबंधित ये फाइलें बरामद की हैं. माना जा रहा है कि इन दिनों उत्तराखंड की सियासत में सबसे बड़ा मुद्दा बनकर छाये हुए एनएच-74 घोटाले से संबंधित इन फाइलों में कृषि भूमि को पिछली तारीखों में अकृषि दर्शाकर करोड़ों रूपये मुआवजे के तौर पर बांटे जाने का रिकार्ड दर्ज है.

विकास कुमार के घर से घोटाले से संबंधित इन फाइलों के अलावा 750 ग्राम सोने के आभूषण, 1100 ग्राम चांदी, तीन बैंक पासबुक, दो क्रेडिट कार्ड, साढ़े सात लाख रूपये की भूमि का इकरारनामा, 51. 50 बीघा जमीन और सात आवासीय प्लाटों के दस्तावेज भी बरामद हुए हैं. ये दस्तावेज विकास की पत्नी और उसके अन्य रिश्तेदारों के नाम हैं.

उधमसिंह नगर जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सदानंद दाते ने बताया कि बरामद कागजात करोड़ों रूपये की संपत्ति के हैं. उन्होंने कहा कि पुलिस ने इसे आय से अधिक संपत्ति मांगते हुए इसकी सूचना आयकर विभाग को भी दे दी है.

कुमांउ आयुक्त के पद पर रहते हुए इस एनएच-घोटाले को सामने लाने वाले डी सैंथिल पांडियन के दो दिन पहले हुए तबादले को मुद्दा बनाकर कांग्रेस ने शुक्रवार को धरना भी दिया था.

गौरतलब है कि हरीश रावत के नेतृत्व वाली प्रदेश की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में एनएच-74 के चौड़ीकरण के लिये अधिग्रहित भूमि के एवज में बांटी गयी मुआवजा राशि में करीब 300 करोड़ का घोटाला सामने आया था. पांडियन की रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कई उपजिलाधिकारी स्तर के अधिकारियों को गिरफ्तार करते हुए इस घोटाले की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी.

हालांकि, अब तक जांच शुरू न हो पाने और इसी बीच केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी द्वारा मुख्यमंत्री रावत को जांच के निर्णय पर पुनर्विचार के सुझाव संबंधी पत्र के खुलासे के बाद कांग्रेस बीजेपी सरकार पर हमलावर हो गयी है.