दिल्ली: भारत में कोरोना के खिलाफ कई पहले से मौजूद दूसरी बीमारियों की दवाओं का रीपर्पसिंग ड्रग के तौर पर क्लीनिकल ट्रायल किया गया. ऐसी ही स्पेसिस बीमारी में दी जानेवाली दवा एमडब्लू ड्रग का भी सीएसआईआर और कैडिला फार्मास्यूटिकल कंपनी में क्लीनिकल ट्रायल किया था.
दूसरों की क्लिनिकल ट्रायल के बाद इसके नतीजे काफी अच्छे आए हैं और तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल के लिए डीसीजीआई की तरफ से इसे मंजूरी मिली है. सीएसआईआर के मुताबिक यह पहली ऐसी कोई दवा होगी जिसे कोरोना के खिलाफ क्लीनिकल ट्रायल की तीसरे चरण की अनुमति मिली. इस बारे में एबीपी न्यूज से एक्सक्लूसिव बात की सीएसआईआर के डायरेक्टर जनरल डॉ शेखर मांडे ने.
बड़ी बातें
हम लोगों ने जो एमडब्ल्यू ड्रग पर ट्रायल किए थे जिसे सबसे बात कहते हैं जो कैडिला फार्मास्यूटिकल के साथ मिलकर किया था उसके नतीजे काफी अच्छे आए हैं, प्रॉमिसिंग है यह मैं कह सकता हूं. यह हमने 21- 21 पेशेंट पर डबल ब्लाइंड ट्रायल किया था और नतीजे अच्छे आए. इसके बाद ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने इसे ही क्लिनिकल ट्रायल के तीसरे चरण के लिए अनुमति दी और कहा कि ज्यादा पेशेंट पर करके दिखाएं ताकि नतीजे पता चले. इसीलिए हमें फेस 3 चरण के परमिशन मिल चुकी है.
पहली बार पता चला है कि एक ड्रग फेस टू में इतना अच्छा काम की है क्योंकि इसका अच्छा असर पाया गया है. और यह पहली बार है जब भारत ने बनी कोई दवा काम आ रही है कोरोना के लिए. तीसरे चरण में काफी ज्यादा लोगों पर हम इसका ट्रायल करेंगे अभी तय नहीं है लेकिन 300 से 500 के बीच नंबर होगा जिन पर ट्रायल किया जाएगा वह भी डबल ब्लाइंडेड होंगे. उसका काम अब शुरू हो चुका है.
हमने कोरोना के लिए कोशिश किया था और जो नतीजे हमारे सामने आए हैं हमने 3 ट्रायल के लिए परमिशन मांगी थी डीसीजीआई से, और वह एक साथ चल रहे थे. जिसमें से एक ट्रायल हमारे सामने आए हैं और यह ट्रायल क्रिटिकल पेशेंट्स यानी गंभीर रूप से बीमार मरीजों पर किया गया था जो वेंटिलेटर पर है. उसके नतीजे बहुत अच्छा है हैं.
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