भारत में एक नहीं बल्कि दो कोरोना वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल है जारी- स्वास्थ्य मंत्रालय
क्लिनिकल स्टेज का मतलब होता है कि अब इन दवाइयों का परीक्षण इंसानों पर शुरू हो चुका है.
नई दिल्ली: दुनियाभर में कोरोना महामारी से निजात दिलाने के लिए वैक्सीन के आविष्कार का इंतज़ार है. विश्व स्वास्थ्य संगठन की 24 जुलाई की रिपोर्ट के मुताबिक़ दुनियाभर में तीन वैक्सीन ऐसी हैं जिनका ट्रायल अपने आख़िरी चरण में पहुंच चुका है. इनमें अमेरिका, यूके और चीन के अलग-अलग लैब शामिल हैं.
भारत में दो वैक्सीन का ट्रायल आगे बढ़ा
स्वास्थ्य मंत्रालय के ओएसडी राजेश भूषण के मुताबिक़ भारत में दो वैक्सीन ऐसे हैं जो क्लिनिकल ट्रायल के पहले और दूसरे चरण में पहुंच चुके हैं. एक वैक्सीन का 1150 लोगों पर ट्रायल किया जा रहा है. ये ट्रायल देशभर के 8 अस्पतालों और संस्थानों में हो रहा है. दूसरे वैक्सीन का परीक्षण देश के 5 अस्पतालों और संस्थानों में किया जा रहा है और इसके लिए कुल 1000 लोगों का चयन किया गया है. हालांकि राजेश भूषण ने ये नहीं बताया कि वैक्सीन कितने दिनों में इस्तेमाल के लिए उपलब्ध हो सकेगा.
दुनिया के 24 वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल शुरू
24 ऐसी कम्पनियां हैं जो वैक्सीन ट्रायल के क्लिनिकल स्टेज पर हैं. क्लिनिकल स्टेज का मतलब होता है कि अब इन दवाइयों का परीक्षण इंसानों पर शुरू हो चुका है. इनमें ज़्यादातर वैक्सीन का परीक्षण दूसरे चरण में है. साधारणतया एक वैक्सीन ईजाद करने में तीन चरणों का क्लिनिकल परीक्षण होता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार दुनियाभर में 141 कम्पनियां ऐसी हैं जो क्लिनिकल ट्रायल के मुहाने पर खड़ी हैं. इन कम्पनियों में वैक्सीन को लेकर रिसर्च और जानवरों पर अध्ययन किया जा रहा है. इस चरण के बाद ही क्लिनिकल ट्रायल का चरण शुरू होता है.
वैक्सीन को लोगों तक पहुंचाने की चुनौती
राजेश भूषण ने बताया कि वैक्सीन का आविष्कार हो जाने के बाद उसे लोगों तक पहुंचाना सरकार के एजेंडे में होगा. उन्होंने कहा कि वैक्सीन का ईजाद भारत में हो या बाहर, उसके उत्पादन में भारत की एक अहम भूमिका रहेगी क्योंकि भारत वैक्सीन के उत्पादन के मामले में दुनिया का हब माना जाता है. उन्होंने जानकारी दी कि भारत विश्व स्वास्थ्य संगठन यानि डब्लयूएचओ में वैक्सीन से जुड़े दो ग्रुपों, GAVI और CAPI, का सदस्य है. ये दोनों ग्रुप दुनिया में वैक्सीन के उत्पादन और उसके वितरण में अपने सदस्य देशों का सहयोग करते हैं. भूषण ने ये साफ़ किया कि अबतक भारत ने दुनिया के किसी भी वैक्सीन निर्माता कंपनी के साथ वैक्सीन की खरीद या वितरण के लिए कोई समझौता नहीं किया है.