दिल्ली के एम्स अस्पताल में भारत बायोटेक की वैक्सीन का बच्चों पर सोमवार से क्लीनिकल ट्रायल शुरू हो जाएगा. इसके लिए एथिक्स कमिटी से मंजूरी मिल गई है. खास बात है की फेज 2 और 3 के इस ट्रायल में करीब 50 बच्चों को शामिल करना था लेकिन ट्रायल के लिए दस गुना ज्यादा एप्लीकेशन आ चुकी है.
भारत में बच्चों को कोरोना का टीका ट्रायल को अनुमति मिलने के बाद सोमवार को दिल्ली के एम्स में इसका ट्रायल शुरू होने जा रहा है. इसके लिए जरूरी एथिक्स कमिटी से क्लीनिकल ट्रायल की अनुमति मिल चुकी है. इस ट्रायल में देखा जाएगा कि क्या वैक्सीन सेफ और इममुनोजेनिक है. क्या ये कारगर होगी.
बच्चों के ट्रायल भी वैसा ही होगा जैसे बड़ों का हुआ है
इस ट्रायल में बच्चों को तीन ग्रुप में बांटा गया है. पहला ग्रुप है 12 से 18 साल, जिसमें इस ऐज ग्रुप के क्लीनिकल ट्रायल के वालंटियर्स को वैक्सीन की डोज दी जाएगी. इसके बाद 6 से 12 साल के उम्र के बच्चे और फिर 2 से 6 साल के उम्र के बच्चों को वैक्सीन ट्रायल में शामिल किया जाएगा. बच्चों के ट्रायल भी वैसा ही होगा जैसे बड़ों का हुआ है.
1- पहली डोज और दूसरी डोज के बीच 28 दिनों का अंतर होगा.
2- बच्चों को भी 6mg की डोज दी जाएगी.
3- ट्रायल से पहले इनका भी एंटीबाडी टेस्ट किया जाएगा. - वहीं ट्रायल में वैक्सीन लगने के बाद इन्हें भी लगातार मॉनिटर किया जाएगा.
भारत मे अलग-अलग सेंटर्स में 525 बच्चों पर इस वैक्सीन का ट्रायल होना जिसमें से 50 के करीब बच्चों पर दिल्ली एम्स में इसका ट्रायल होना है. इस ट्रायल के प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर डॉ संजय राय के मुताबिक अब तक इसे दस गुना ज्यादा एप्लीकेशन आई है ट्रायल में शामिल होने के लिए.
भारत मे चल रहे टीकाकरण में लोगों को दी जा रही ये वैक्सीन
2 से 18 साल के आयु वर्ग में ट्रायल का प्रस्ताव 11 मई को सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमिटी के सामने आया था और इस पर विचार-विमर्श किया गया था. विस्तृत विचार-विमर्श के बाद समिति ने प्रस्तावित दूसरे और तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल को मंजूरी दे दी है. 12 मई को देश के ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI), ने सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमिटी की सिफारिश को स्वीकार कर लिया है और भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन कोवेक्सीन के दूसरे और तीसरे के क्लीनिकल ट्रायल की अनुमति दी है. क्लीनिकल ट्रायल में, टीके को इंट्रामस्क्युलर मार्ग द्वारा दो डोज पहले और 28वें दिन पर दिया जाएगा.
इसे पहले इस वैक्सीन का भारत मे तीन चरण का ट्रायल अलग-अलग जगहों पर हुआ था. जिसके बाद जनवरी के पहले हफ्ते में इस वैक्सीन को इमरजेंसी यूज़ ऑथराइजेशन की मंजूरी दे दी गई थी. अब भारत मे चल रहे टीकाकरण में इसे लोगों को दिया जा रहा है.
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