Delhi: सीएम अरविंद केजरीवाल ने LG को फिर भेजी DERC अध्यक्ष नियुक्त करने की फाइल, क्या है पूरा विवाद?
Delhi Vs LG: डीईआरसी अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहले ही एलजी को इस मामले में फैसला लेने का आदेश दे चुका है. अब सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी एक बार फिर फाइल भेज दी है.
Delhi News: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (DERC) के अध्यक्ष की नियुक्ति की फाइल एक बार फिर एलजी को भेजी है. दिल्ली सरकार ने सेवानिवृत्त जज राजीव कुमार श्रीवास्तव को डीईआरसी का बतौर अध्यक्ष नियुक्त करने की सिफारिश की है. दिल्ली सरकार ने एलजी को यह प्रस्ताव सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपाल में भेजा है.
डीईआरसी के अध्यक्ष पद पर नियुक्ति का मामला चार महीने से रुका हुआ है. मुख्यमंत्री के मुताबिक, इसके कारण पूरा काम ठप पड़ा है. मुख्यमंत्री ने बताया कि इस मामले को लेकर 19 मई को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एलजी को कड़ी फटकार लगाते हुए दो सप्ताह के अंदर इस पर निस्तारण करने का आदेश दिया था. 11 और 19 मई को सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में साफ कहा है कि एलजी लैंड, पब्लिक आर्डर और पुलिस को छोड़कर बाकी विषयों पर चुनी हुई सरकार की सहायता व सलाह पर कार्य करने के लिए बाध्य हैं.
डीईआरसी के अध्यक्ष की नियुक्ति क्यों जरूरी?
डीईआरसी के अध्यक्ष की नियुक्ति इसलिए जरूरी है, ताकि दिल्ली में बिजली क्षेत्र को प्रभावी ढंग से नियंत्रित कर सके. चार माह पहले सीएम अरविंद केजरीवाल ने डीईआरसी अध्यक्ष के रूप में न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) राजीव कुमार श्रीवास्तव की नियुक्ति को मंजूरी दी थी. उनकी नियुक्ति का प्रस्ताव तत्कालीन डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने पेश किया था, जिनके पास बिजली मंत्रालय का प्रभार था.
'सरकार के फैसलों से सहमत थे पूर्व एलजी'
इससे पहले, पिछले दो डीईआरसी अध्यक्षों की नियुक्ति विद्युत अधिनियम के इसी प्रक्रिया के अनुसार की गई थी. प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि पूर्व एलजी अनिल बैजल डीईआरसी के पिछले दो अध्यक्षों की नियुक्ति में सरकार के फैसलों से सहमत थे और उनका सरकार के फैसलों से अलग मत नहीं था. दिल्ली सरकार की ओर से फाइल एलजी कौ भेजी गई थी.
मामले में सुप्रीम कोर्ट का आदेश
इसके बाद दिल्ली सरकार ने एलजी की तरफ से डीईआरसी अध्यक्ष की नियुक्ति में हो रही देरी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर की. सुप्रीम कोर्ट ने 19 मई को मामले की सुनवाई करते हुए दिल्ली के LG को दो सप्ताह में इस मामले पर निर्णय लेने का आदेश दिया. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली के एलजी चुनी हुई सरकार की सहायता और सलाह पर काम करने के लिए बाध्य हैं. इसी आदेश के बाद एक बार फिर केजरीवाल ने फाइल भेजी है.
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