Demolition Drive In Tughlaqabad: 'तुगलकाबाद में बुलडोजर चलने से पहले हो पीड़ितों का पुनर्वास', केजरीवाल सरकार का निर्देश
ASI's Demolition In Tughlaqabad: दिल्ली के उपमुख्यमंत्री ने कहा कि तुगलकाबाद गांव में एएसआई की प्रस्तावित डिमोलिशन ड्राइव उस इलाके में लंबे वक्त से रह रहे लोगों के लिए बेहद क्रूर साबित होगी.
ASI Demolition Drive In Tughlaqabad: अरविंद केजरीवाल सरकार ने तुगलकाबाद (Tughlaqabad)गांव के निवासियों के बचाव और पुनर्वास के लिए आगे आते हुए मुख्य सचिव को निर्देश दिए है कि जल्द से जल्द पीड़ितों के लिए उचित पुनर्वास योजना तैयार करें.
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने बुधवार (15 फरवरी) को मुख्य सचिव को पीड़ितों के पुनर्वास के लिए जमीन चिन्हित करने, जल्द से जल्द पीड़ितों के लिए उचित पुनर्वास योजना तैयार करने और एक सप्ताह के भीतर इसका स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए.
'डिमोलिशन ड्राइव का होगा प्रतिकूल प्रभाव'
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि केंद्र सरकार की एजेंसी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (Archaeological Survey Of India-ASI) के तुगलकाबाद गांव में प्रस्तावित डिमोलिशन ड्राइव (Demolition Drive) उस क्षेत्र में लंबे समय तक रहने वाले लोगों के लिए बेहद क्रूर साबित होगी.
उन्होंने कहा कि इससे लोगों पर बहुत प्रतिकूल प्रभाव डालेगा. लोगों विशेषकर वहां के बुजुर्गों, बच्चों, महिलाओं और विकलांग लोगों पर इसका बहुत प्रतिकूल असर होगा. ऐसे में दिल्ली सरकार का मानना है कि उचित पुनर्वास के बिना कोई डिमोलिशन नहीं किया जाना चाहिए.
'पीड़ितों के लिए उचित पुनर्वास योजना हो'
इस मुद्दे को लेकर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मुख्य सचिव को निर्देश देते हुए कहा है कि मुख्य सचिव भूमि-स्वामित्व (Land Owning) एजेंसी के साथ कोऑर्डिनेट करें. इसके साथ ही पीड़ितों के पुनर्वास के लिए उनके वर्तमान आवास के निकटतम भूमि के टुकड़े की पहचान करें और पीड़ितों के लिए एक विस्तृत और उचित पुनर्वास योजना विकसित करें. साथ ही उपमुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को एक सप्ताह के भीतर स्टेटस रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए है.
दरअसल भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण डिमोलिशन ड्राइव के तहत तुगलकाबाद गांव के 1000 से ज्यादा घरों के कथित अतिक्रमण को हटाने के लिए बुलडोजर चलाने वाली है. सरकार का कहना है कि बुलडोजर चलने से अचानक इन घरों में रहने वाले हजारों परिवार बेघर हो जायेंगे.
केजरीवाल सरकार ने इसपर त्वरित संज्ञान लेते हुए इनके पुनर्वास की योजना बनाने के निर्देश दिए हैं. पीड़ित परिवारों ने दिल्ली उच्च न्यायालय में अपील की है. जिस पर उच्च न्यायालय ने सभी स्टेकहोल्डर एजेंसी को तुगलकाबाद गांव से डिमोलिशन के कारण विस्थापित हो रहे पीड़ितों के पुनर्वास के लिए उचित योजना बनाने का निर्देश दिया है.