नई दिल्लीः राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना संक्रमित मरीजों को होम आइसोलेशन के बजाए 5 दिन तक क्वारंटीन सेंटर में रखने के उपराज्यपाल अनिल बैजल के फैसले पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आपत्ति जताई है. केजरीवाल ने कहा है कि बाकी राज्यों के मुकाबले दिल्ली के लिए अलग नियम क्यों बनाया जा रहा है. केजरीवाल ने कहा कि इससे लोग टेस्ट कराने से बचेंगे और कोरोना का संक्रमण और ज्यादा फैलेगा. इस बीच बैठक में LG के आदेश के मुद्दे पर सहमति नहीं बन सकी.
'दिल्ली में ज्यादातर बिना लक्षण वाले मरीज'
एलजी बैजल ने शुक्रवार 19 जून को ये आदेश दिया था, जिसके बाद शनिवार 20 जून को दोपहर 12 बजे दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) की बैठक हुई. इस बैठक में बैजल के साथ ही केजरीवाल भी मौजूद थे. न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि केजरीवाल ने बैठक में एलजी क फैसले का विरोध किया.
सूत्रों के मुताबिक केजरीवाल ने बैठक में कहा, “जब ICMR ने देशभर में बिना लक्षण वाले मरीजों के लिए होम आइसोलेशन की इजाजत दी है तो दिल्ली के लिए अलग नियम क्यों होने चाहिए?” केजरीवाल ने सवाल उठाते हुए कहा कि ज्यादातर मरीज बिना लक्षण वाले हैं और इस आदेश के बाद उनके आइसोलेशन के लिए व्यवस्था कैसे की जाएगी?
हाल ही में गृह मंत्री अमित शाह के साथ हुई बैठक के बाद दिल्ली में बेडों की संख्या बढ़ाने के लिए 500 रेलवे कोच देने का फैसला किया गया था. ये वही कोच हैं, जिन्हें रेलवे ने आइसोलेशन के लिहाज से तैयार किया था. इसका जिक्र करते हुए केजरीवाल ने कहा, “रेलवे ने कोच दिए हैं, लेकिन बढ़ती हुई गर्मी के बीच कोई उनमें कैसे रहेगा? हमारी प्राथमिकता गरीबों का इलाज होना चाहिए या बिना लक्षण वाले मरीज?”
दोबारा होगी DDMA की बैठक
केजरीवाल ने साथ ही कहा कि संस्थागत क्वारंटीन सेंटर में जाने के डर से लोग अपना टेस्ट ही नहीं करवाएंगे और इससे दिल्ली में कोरोना का संक्रमण और ज्यादा फैलेगा. केजरीवाल ने साथ ही कहा कि राजधानी में पहले ही मेडिकल स्टाफ की कमी होती जा रही है, ऐसे में क्वारंटीन सेंटरों में कैसे स्वास्थ्यकर्मी दिए जाएंगे.
वहीं बैठक के बाद दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि इस बैठक में फिलहाल किसी भी मुद्दे पर सहमति नहीं बन पाई है और शनिवार शाम को 5 बजे एक बार फिर DDMA की बैठक होगी.
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