Arvind Kejriwal On Rajasthan Political Crisis: राजस्थान में मुख्यमंत्री बदलने को लेकर सचिन पायलट (Sachin Pilot) और अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के खेमे आमने-सामने हैं. गहलोत खेमे के विधायकों ने सीएम पद के लिए सचिन पायलट के नाम पर एतराज जताया और विधानसभा अध्यक्ष को सामूहिक इस्तीफा सौंप दिया. इस्तीफा देने वाले विधायकों की संख्या 80 से ज्यादा बताई जा रही है. इसी बीच दूसरी पार्टियों ने राजस्थान में पार्टी के अंदर कलह को लेकर कांग्रेस पर तंज कसना शुरू कर दिया है.
आप संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राजस्थान घटनाक्रम पर कहा कि कांग्रेस अपना घर नहीं संभाल पा रही है. उन्होंने कहा कि दोनों (कांग्रेस और बीजेपी) ही दल जोड़-तोड़ की राजनीति करते हैं. वो उल्टा ये कहते रहते हैं कि केजरीवाल मुफ्त देना बंद करो. आज देशभर को आम आदमी पार्टी से उम्मीद है. हमें राजनीति आती नहीं हैं, जनता के लिए काम करते हैं, स्कूल-अस्पताल बनाते हैं. वही चीजें करते हैं जो जनता को चाहिए, जनता को तोड़फोड़ की राजनीति पसंद नहीं आती है.
क्या कहा अरविंद केजरीवाल ने?
केजरीवाल ने आगे कहा कि हम काम की राजनीति करते हैं, इसलिए पहले दिल्ली और पंजाब में सरकार बनाई. अब गुजरात मे जनता कह रही है कि वहां भी आम आदमी पार्टी की सरकार बनेगी. सीएम केजरीवाल से जब ये सवाल पूछा गया कि क्या अब आप खुद को पूरे देश में कांग्रेस के विकल्प के तौर पर सामने रख रहे हैं, इस पर उन्होंने कहा कि मुझे विकल्प समझ नहीं आता, हमें देश को आगे ले जाना है.
राजस्थान कांग्रेस में कलह
गौरतलब है कि राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत के कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद राजस्थान में सीएम बदलने की चर्चा शुरू हुई. क्योंकि कांग्रेस में 'एक व्यक्ति-एक पद' का सिद्धांत है. मुख्यमंत्री पद को लेकर रविवार को जयपुर में सीएम आवास पर विधायक दल की बैठक भी बुलाई गई थी, लेकिन गहलोत खेमे के विधायकों की बगावत के बाद ये बैठक रद्द कर दी गई.
अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के बाद सचिन पायलट (Sachin Pilot) को सीएम बनाने की चर्चा है, लेकिन गहलोत समर्थक विधायक पायलट के नाम पर राजी नहीं है. इसलिए करीब 80 विधायकों ने बीते दिन राजस्थान के विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को सामूहिक इस्तीफा सौंप दिया था.
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