दिल्ली में ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज एक हाई लेवल मीटिंग की. मीटिंग में ब्लैक फंगस की रोकथाम और मरीजों के इलाज के संबंध में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए. साथ ही ब्लैक फंगस को महामारी घोषित करने को लेकर पूछे गये एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर ज़रूरत पड़ी तो दिल्ली में भी महामारी घोषित करेंगे, इससे निपटने के सभी जरूरी कदम उठाए जाएंगे.


सीएम अरविन्द केजरीवाल ने कहा कि ब्लैक फंगस के मरीजों के इलाज के लिए दिल्ली के तीन अस्पतालों एलएनजेपी, जीटीबी और राजीव गांधी में डेडिकेटेड ट्रीटमेंट सेंटर बनाए जाएंगे. इसके लिए एक इंटर-डिसिप्लिनरी डॉक्टर्स की टीम बनाने की ज़रूरत है. यह सामने आया है कि इसके इलाज के लिए कई डिसिप्लिन के डॉक्टर्स की टीम बनाने की जरूरत है, जो कि मरीज का ख्याल रखें. हमने तीनों सरकारी अस्पतालों में ऐसे मरीजों के इलाज के लिए खास इंतजाम किए हैं. तीनों अस्पतालों में ब्लैक फंगस के मरीजों के इलाज के लिए डॉक्टर्स की एक-एक टीम बनाने के निर्देश दिए गए हैं. इस टीम में ईएनटी समेत अन्य विशेषज्ञ डॉक्टर शामिल होंगे. यह टीम अपने सेंटर पर ब्लैक फंगस के मरीजों के इलाज पर निगरानी रखेगी.


ब्लैक फंगस के ट्रीटमेंट को लेकर केजरीवाल ने कहा कि सभी डॉक्टर से और हॉस्पिटल से मैं अपील करना चाहता हूं कि स्टेरॉयड का कम से कम इस्तेमाल करें. यह सामने आया है कि बहुत ज्यादा स्टेरॉयड इस्तेमाल करने से यह समस्या बढ़ रही है. जो भी मरीज है वह अपनी शुगर का बहुत ख्याल रखें. शुगर और स्टेरॉयड का मिश्रण होकर ब्लैक फंगस ज्यादा बढ़ रहा है. इसके बारे में हम जनता को जागरूक भी करेंगे.


ब्लैक फंगस के ट्रीटमेंट में इस्तेमाल किये जाने वाले इंजेक्शन की कमी पर केजरीवाल ने कहा कि इसके इंजेक्शंस की बहुत ज्यादा कमी है, जिसके लिए हमने केंद्र सरकार को भी लिखा है. क्योंकि जो भी प्रोडक्शन है केंद्र सरकार ने उसे टेकओवर कर लिया है और केंद्र सरकार उसे बांट रही है. हमें पूरी उम्मीद है कि केंद्र सरकार जितने भी इंजेक्शन की जरूरत पड़ेगी हमें देगी. इंजेक्शन देने के लिए हमने डॉक्टर्स की एक टीम बनाई है उस टीम के पास अप्लाई करना होगा. एसओपी भी जारी किए हैं कि इंजेक्शन किस तरह से अप्लाई किए जा सकते हैं. यह टीम देखती है की इंजेक्शन की जरूरत है या नहीं.


मुख्यमंत्री से जब पूछा गया कि कुछ राज्यों ने ब्लैक फंगस को महामारी घोषित किया है. क्या दिल्ली में भी इसे महामारी घोषित करने की स्थिति अभी है. इस पर जवाब देते हुए केजरीवाल ने कहा कि अगर की जरूरत पड़ेगी तो हम जरूर करेंगे. जो भी कदम उठाने की जरूरत होगी हम वह सारे कदम उठाएंगे. दिल्ली में ब्लैक फंगस के अभी कितने मामले सामने आए हैं. इस सवाल पर केजरीवाल ने कहा कि जिस टीम को इंजेक्शन बांटने के लिए गठित किया गया है उस टीम के पास कल 84 एप्लीकेशन अलग-अलग हॉस्पिटल से आए थे. सुनने में आ रहा है की 200 से ज्यादा मामले हैं. लेकिन जो कल तक एप्लीकेशन आई थी वह 84 हैं. आज शाम तक जितनी भी आएंगी उसकी जानकारी आपको दे दी जाएगी.


मुख्यमंत्री आवास पर हुई बैठक में निर्णय लिया गया कि दिल्ली सरकार ब्लैक फंगस के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए जल्द ही दिशा निर्देश जारी करेगी और लोगों को बताया जाएगा कि ब्लैक फंगस से कैसे बचा सकता है. इस बीमारी से बचाव के जितने भी उपाय हैं, उसके बारे में लोगों को बताया जाएगा, ताकि जो लोग कोरोना से ठीक हो चुके हैं, उन लोगों को इस बीमारी से बचाया जा सकें. डाॅक्टर्स ने ऐसे मरीजों को सुझाव दिया कि ब्लैक फंगस के लक्षण दिखाई देने पर मरीज को तत्काल डाॅक्टर से संपर्क करना चाहिए. बगैर डाॅक्टर की सलाह के दवा नहीं लेनी चाहिए.


देश की राजधानी होने की वजह से दिल्ली में ब्लैक फंगस का इलाज कराने वाले मरीजों की संख्या अधिक हो सकती है. इसके मद्देनजर निर्णय लिया गया कि इस बीमारी से संबंधित दवाओं का पर्याप्त मात्रा में व्यवस्था की जाए. केंद्र सरकार से ब्लैक फंगस के इलाज के लिए दवाइयों का जो कोटा दिल्ली का है, उसे भी जल्द से जल्द प्राप्त करने के निर्देश दिए गए, ताकि दिल्ली में ब्लैक फंगस के आने वाले मरीजों को समय से बेहतर इलाज दिया जा सके. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि ब्लैक फंगस के मरीजों के इलाज के लिए पर्याप्त मात्रा में दवाओं के इंतजाम की कार्रवाई तेज कर दी गई है.