नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली की 100 फीट चौड़ी, 500 किलोमीटर लंबी सड़कें यूरोपीय शहरों की तरह खूबसूरत बनाई जाएंगी. पहले, पायलट प्रोजेक्ट के तहत दिल्ली की 7 सड़कों के री-डिजाइन करने की योजना मंजूरी दी गई थी. इस संबंध में मंगलवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने समीक्षा बैठक की.


मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में पुर्नविकसित की गई चांदनी चौक सड़क को पायलट प्रोजेक्ट मानते हुए दिल्ली की 100 फीट चौड़ी करीब 500 किलोमीटर सड़कों तक इस योजना का विस्तार कर दिया है.


मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पीडब्ल्यूडी विभाग से तीन सप्ताह में 500 किमी सड़क का विस्तृत प्लान मांगा है. इन सड़कों का विकास बिल्ट-ऑपरेट-ट्रांसफर (बीओटी) की तर्ज पर होगा और निर्माण करने वाली कंपनी 15 साल तक मेंटिनेंस की जिम्मेदारी संभालेगी. पायलट प्रोजेक्ट के तहत जिन 7 सड़कों का काम दिसंबर 2020 तक पूरा होना था, उनकी समय सीमा को कोविड-19 के चलते अगस्त 2021 तक बढ़ा दी गई है.


सड़कों से कई समस्याएं हो जाएंगी खत्म


सड़कों के री-डीजाइन से बॉटल-नेक खत्म होंगे. अभी कोई सड़क चार लेन से तीन लेन की हो जाती है या छह लेन से चार लेन की हो जाती है. इससे अचानक सड़क पर एक जगह दबाव बनता है और जाम लग जाता है. नई डिजाइन में इसे खत्म किया जाएगा. इससे जाम लगना खत्म हो जाएगा. सड़क व सड़क किनारे या आस-पास की सड़कों का स्पेस खत्म किया जाएगा. इसका बेहतर इस्तेमाल होगा. फुटपाथ, नॉन मोटर व्हीकल के लिए स्पेस बनाया जाएगा. कम से कम 5 फुट के फुटपाथ को अधिकतम 10 फुट का किया जाएगा. दिव्यांग के हिसाब से फूटपाथ को डिजाइन किया जाएगा. जिससे सड़क एक जैसी दिखे, साथ ही दिव्यांगों को परेशानी न हो.


हरियाली को बढ़ाया जाएगा, नालों में री-हार्वेस्टिंग सिस्टम लागू होगा


अभी सड़कों के किनारे हरियाली का दायरा बहुत कम है. नई री-डिजाइन में फुटपाथ पर पेड़ के लिए जगह होगी. साथ ही ग्रीन बेल्ट के लिए जगह होगा. आटो व ई-रिक्शा के लिए अलग से स्पेस व स्टैंड होगा. सड़क के स्लोप व नालों को री-डिजाइन व री-कंस्ट्रक्ट किया जाएगा. नालों के अंदर री-हार्वेस्टिंग सिस्टम होंगे. सड़क के स्लोप को ठीक किया जाएगा. जिससे बरसात के पानी को जमीन में री-चार्ज किया जाएगा. स्ट्रीट फर्नीचर लगेंगे, जंक्शन को ठीक किया जाएगा, सड़क पर कोई ओपन स्पेस नहीं होगा, सड़क किनारे घास लगेगा या पेड़ लगेगा, सड़कों को री-सर्फेस किया जाएगा.


घास लगा सड़कों से खत्म किया जाएगा धूल


सड़क के आस-पास एक इंच जमीन भी खाली नहीं होगी. जिससे सड़कों पर धूल बिल्कुल न हो. अभी सड़कों पर धूल उड़ने की समस्या है, जिससे लोगों को बेहद समस्या होती है. सड़कों के री-डिजाइन में सड़क की एक इंच जमीन भी खाली नहीं होगी. खाली जमीन पर ग्रीन बेल्ट या घास होगा. जिससे सड़कें सुंदर दिखें. साथ ही धूल उड़ने की समस्या बिल्कुल न हो.


दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ओर से जारी बयान के मुताबिक,‘‘ दिल्ली देश की राजधानी है. वह यूरोपीय देश की राजधानी की तरह दिखे, यह हमारी कोशिश है. जिससे दुनिया में भारत की छवि बेहतर हो. दिल्ली सरकार दिल्ली की सड़कों को बेहतर करने के लिए लगातार काम कर रही है. दिल्ली में बड़ी संख्या में विदेश से लोग आते हैं. अगर यहां कि सड़क सुंदर व जाम मुक्त होंगी तो पूरी दुनिया में भारत की छवि अच्छी बनेगी. साथ ही सड़कों के किनारे व सेंट्रल वर्ज में हरियाली दिखेगी. जिससे दिल्ली में प्रदूषण भी कम करने में मदद मिलेगी व सडकें सुंदर भी दिखेंगी. सडकों की री-डिजाइन के दौरान बाटेलनेक को पूरी तरह से खत्म कर दिया जाएगा. सड़कों की पूरी जमीन का प्लानिंग के तहत इस्तेमाल किया जाएगा.’’


ये सुविधाएं भी होंगी-


- रिक्शा के लिए पार्किंग
- पार्किंग के लिए स्थान चिंहित
- ग्रीन बेल्ट
- पब्लिक ओपन स्पेश
- साइकिल लेन
- पैदल पाथ लेन
- सड़क की दीवारों पर विभिन्न तरह की डिजाइन का डिस्प्ले होगा
- सड़क के बगल में पार्क होगा तो उसे दीवार से ढका नहीं जाएगा. जिससे सड़क किनारे से पार्क व्यू हो सके.


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