ट्रांसफर-पोस्टिंग पर केंद्र के अध्यादेश को केजरीवाल ने बताया SC का अपमान, बोले- कोर्ट में देंगे चुनौती, BJP बोली- संविधान को तार-तार...
Delhi News: दिल्ली में अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग पर किसका अधिकार होगा इसे लेकर सियासी बवाल नहीं थम रहा है. अब सीएम केजरीवाल ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की बात कही है.
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Center Ordinance On Delhi: दिल्ली में अधिकारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग से जुड़े केंद्र सरकार के अध्यादेश को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने असंवैधानिक बताया है. उन्होंने इस अध्यादेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का एलान किया है. इसके साथ ही बीजेपी पर लोकतंत्र को कुचलने का भी आरोप लगाया है. वहीं, दूसरी तरफ बीजेपी का कहना है कि केजरीवाल जिस संविधान की शपथ लेकर मुख्यमंत्री बने हैं उसी को तार-तार कर रहे हैं.
केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के दो करोड़ लोगों को बीजेपी ने तमाचा मारा है. दिल्ली वालों को अधिकार है अपनी सरकार चुनने का. आप छोटी है देश बड़ा है. ऐसे सरेआम जनतंत्र को कुचलना ठीक नहीं है. हम अध्यादेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे. देशभर से हमें समर्थन मिल रहा है. बीजेपी के समर्थक भी इस अध्यादेश का विरोध कर रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि वह दिल्ली वालों के बीच जाएंगे और इसके खिलाफ महारैली करेंगे.
‘संविधान को तार-तार कर रहे हैं केजरीवाल’
वहीं, दूसरी तरफ बीजेपी का कहना है कि अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट का फैसला ठीक से पढ़ा ही नहीं है. बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि केजरीवाल जिस संविधान की शपथ लेकर मुख्यमंत्री बने है उसको तार-तार कर रहे हैं. उनके स्वभाव में अराजकता ही आ गई है. “कट्टर बेईमान अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमारे ऊपर एलजी को बैठा दिया. तो मैं उनसे कहना चाहता हूं कि जिस संविधान ने आपको मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठाया है. उसी संविधान के तहत एलजी को नियुक्त किया गया है”.
कांग्रेस भी कर रही अध्यादेश का विरोध
कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने भी इसपर अपना बयान जारी किया है. उनका कहना है कि “दिल्ली पर अध्यादेश से संविधान की मूल भावना को बदला नहीं जा सकता है. अपने अनुभव से मैं जानता हूं कि संसद में ये कानून पारित नहीं हो पाएगा. अगर सिविल सर्विस दिल्ली सरकार के प्रति जवाबदेह नहीं होगी तो सरकार जनता तक अपना काम कैसे पहुंचा पाएगी.”
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