(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
सीएम भूपेश बघेल ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, कहा- ‘गरीब कल्याण रोजगार अभियान’ में छत्तीसगढ़ को भी शामिल करें
सीएम बघेल ने अपनी चिट्ठी में लिखा कि इस योजना में नहीं शामिल किए जाने से राज्य के गरीब, प्रवासी मजदूर और किसानों में निराशा का भाव है.
रायपुर: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा है. पत्र लिखते हुए पीएम से छत्तीसगढ़ राज्य को ‘गरीब कल्याण रोजगार अभियान’ में तत्काल शामिल करने का अनुरोध किया है. पत्र में लिखा है कि ‘गरीब कल्याण रोजगार अभियान’ में छत्तीसगढ़ के सभी जिलों को शामिल करने से राज्य के सभी प्रवासी श्रमिकों के जीवकोपार्जन के लिए उनकी रूचि और कौशल के हिसाब से रोजगार व स्वरोजगार के अवसर प्राप्त हो सकेंगे.
इन राज्यों को शामिल किया
भारत सरकार द्वारा प्रवासी कामगारों को आजीविका के अवसर प्रदान करने के लिए 20 जून को बिहार के खगड़िया जिला से देश के 6 राज्यों के 116 जिलों में 'गरीब कल्याण रोजगार अभियान’ का शुभारंभ किया गया है. इसमें बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, राजस्थान, झारखण्ड और ओडिशा को शामिल किया गया है. योजना में शामिल मध्यप्रदेश, झारखण्ड और उड़ीसा, छत्तीसगढ़ के पड़ोसी राज्य हैं लेकिन छत्तीसगढ़ को छोड़ दिया गया है जबकि सम्मिलित इन राज्यों की भौगोलिक, आर्थिक एवं सामाजिक स्थितियों में काफी समानता है.
मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा है कि कोरोना वायरस कोविड-19 के परिणाम स्वरूप पूरा देश प्रभावित है. इस भयंकर महामारी-त्रासदी के कारण रोज कमाने खाने वाला हमारा सर्वहारा प्रवासी मजदूर वर्ग सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है. उनके वर्तमान कार्य स्थलों में नियोजन-रोजगार के अवसर समाप्त होने के कारण प्रवासी मजदूरों को विवश होकर गृह राज्य लौटना पड़ा है. छत्तीसगढ़ राज्य में अब-तक लगभग 5 लाख प्रवासी मजदूर वापस आ चुके हैं. मजदूरों का गृह राज्य में वापस लौटना अभी भी जारी है.
सीएम बघेल ने लिखा है कि राज्य के लगभग तीन-चौथाई क्षेत्र अत्यंत पिछड़े एवं वन क्षेत्र हैं, जहां पर राज्य के लगभग 80 प्रतिशत अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़े वर्ग के लोग निवासरत हैं. राज्य की लगभग 90 प्रतिशत जनसंख्या कृषि एवं सामान्य मजदूरी पर निर्भर है, जो सामान्यतः असंगठित क्षेत्र, कृषि मजदूर और सीमांत कृषक हैं. राज्य का बस्तर, सरगुजा संभाग सहित अन्य संभागों में आदिवासी वर्ग की बहुलता है साथ ही छत्तीसगढ़ में दस आकंक्षी जिले भी हैं. ‘गरीब कल्याण रोजगार अभियान’ में छत्तीसगढ़ को सम्मिलित नहीं किए जाने से यहां के गरीबों, कृषि मजदूरों, प्रवासी मजदूरों और सीमांत किसानों में अत्यंत निराशा का भाव है. उपरोक्त दृष्टि से राज्य वापस लौटे प्रवासी श्रमिकों के साथ-साथ राज्य में निवासरत मजदूरों को भी तत्कालिक रूप से रोजगार उपलब्ध कराना प्राथमिक आवश्यकता है.
मुख्यमंत्री बघेल ने इसके साथ ही लिखा है कि छत्तीसगढ़ राज्य के समस्त जिलों को ’गरीब कल्याण रोजगार अभियान’ में तत्काल शामिल किया जाए ताकि राज्य के सभी प्रवासी श्रमिकों के जीवकोपार्जन के लिए उनकी रूचि एवं कौशल के अनुरूप रोजगार व स्वरोजगार के अवसर प्राप्त हो सके. मुख्यमंत्री ने विश्वास प्रकट किया है कि इस संबंध में राज्य के प्रवासी मजदूरों के हित में तुरंत फैसला लिया जाएगा.