Chandrababu Naidu On Language Row: केंद्र और तमिलनाडु सरकार के बीच इस समय भाषा को लेकर विवाद चल रहा है. इस विवाद में अब आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की भी एंट्री हो गई है. दरअसल, चंद्रबाबू नायडू ने सोमवार (17 मार्च, 2025 ) को कहा कि जो लोग अपनी मातृभाषा में शिक्षा प्राप्त करते हैं, वे दुनिया भर में सफलता हासिल कर रहे हैं.
सीएम ने इस धारणा को गलत बताया कि केवल अंग्रेजी भाषा में ही ज्ञान प्राप्त किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि हिंदी और अंग्रेजी दोनों का अपना महत्व है इसे सीखना चाहिए.
मुख्यमंत्री नायडू का बयान
विधानसभा में भाषण के दौरान नायडू ने कहा, "भाषा केवल संवाद का माध्यम है. ज्ञान भाषा से नहीं आता. मातृभाषा में पढ़ाई करने वाले लोग भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सफल हो रहे हैं." उन्होंने यह भी कहा कि मातृभाषा में शिक्षा ग्रहण करना आसान होता है और इससे छात्रों की समझने और सीखने की क्षमता बेहतर होती है.
भाषा को लेकर अनावश्यक राजनीति से बचने की अपील
मुख्यमंत्री नायडू की यह टिप्पणी तब आई जब उपमुख्यमंत्री और जनसेना प्रमुख पवन कल्याण ने तमिलनाडु सरकार और केंद्र सरकार के बीच जारी भाषा विवाद पर प्रतिक्रिया दी थी. नायडू ने स्पष्ट किया, "भाषा नफरत फैलाने के लिए नहीं होती. आंध्र प्रदेश में मातृभाषा तेलुगु है. हिंदी राष्ट्रीय भाषा है, और अंग्रेजी अंतरराष्ट्रीय भाषा है." उन्होंने यह भी कहा कि "राष्ट्रीय भाषा सीखने से दिल्ली में हिंदी में बातचीत करना आसान हो जाता है."
मातृभाषा को महत्व देने और अधिक भाषाएं सीखने की सलाह
मुख्यमंत्री ने मातृभाषा को महत्व देने और साथ ही अधिक से अधिक भाषाएं सीखने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि आजीविका और करियर के लिए अंग्रेजी और अन्य भाषाएं सीखना महत्वपूर्ण है, लेकिन इसके लिए मातृभाषा को छोड़ना नहीं चाहिए.
भाषा को लेकर राजनीति न करने की अपील
नायडू ने सभी से भाषा को लेकर अनावश्यक राजनीति से दूर रहने की अपील की. उन्होंने कहा कि हर भाषा की अपनी अहमियत है, और ज्यादा भाषाएं सीखना हमेशा फायदेमंद होता है.