Assam Government Policy: असम की राजधानी गुवाहाटी में मुख्यमंत्री हिमंत विश्वा सरमा ने रविवार (04 अगस्त) को बड़ा ऐलान किया है. सीएम सरमा ने कहा कि उनकी सरकार जल्द ही एक नई अधिवास पॉलिसी पेश की जाएगी, जिसके तहत केवल राज्य में जन्मे लोगों को ही सरकारी नौकरियों का हकदार बनाया जाएगा. इस कदम का उद्देश्य राज्य की बदलती जनसांख्यिकी से निपटना है, जिसके बारे में सरमा ने कहा है कि यह उनके लिए "बड़ी चिंता" और "जीवन-मरण का मामला" है.
मुख्यमंत्री हिमंत विश्वा सरमा ने कहा कि असम सरकार जल्द ही एक नई डोमिसाइल पॉलिसी लाएगी, जिसके तहत केवल असम में पैदा हुए लोग ही राज्य सरकार की नौकरियों के लिए पात्र होंगे. उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले किए हुए वादे के अनुसार प्रदान की गयी ‘एक लाख सरकारी नौकरियों’ में स्वदेशी लोगों को पहली प्राथमिकता मिली है, जो पूरी लिस्ट प्रकाशित होने पर साफ होगी.
केवल राज्य में जन्मे लोगों को ही सरकारी नौकरी मिलेगी
सीएम हिमंत ने आगे बताया कि हमने पहले भी जनसंख्या नियंत्रण उपायों की आवश्यकता के बारे में बात की है इसके साथ ही बंगाली भाषी बांग्लादेशी मुसलमानों, जिन्हें 'मिया' के नाम से जाना जाता है, उन्हें राज्य में स्वदेशी लोगों के रूप में मान्यता देने के लिए शर्तें रखी हैं. हालांकि, सरकार की नई अधिवास पॉलिसी, अवैध आव्रजन के मुद्दे को सुलझाने और असम की स्वदेशी आबादी के हितों की रक्षा करने के लिए सरमा के प्रयासों का एक हिस्सा होने की उम्मीद है.
CM ममता ने बंगाल में पानी छोड़ने पर झारखंड सरकार को ठहराया था जिम्मेदार
हाल ही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी से बात की थी. जिसमें उन्होंने बाढ़ के हालातों पर चर्चा की. सीएम ममता ने झारखंड सरकार पर आरोप लगाया कि तेनुघाट से अचानक और भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण बंगाल में बाढ़ आ गई है. इस पर ममता बनर्जी ने सीएम सोरेन ने अनुरोध किया कि कृपया इसका ध्यान रखें.
CM हिमंत शर्मा ने ममता बनर्जी को दिया जवाब
हालांकि, इसको लेकर असम के सीएम ने ममता बनर्जी को जवाब देते हुए कहा कि मैं दीदी का सम्मान करता हूं लेकिन मैं उनकी इस धारणा को स्वीकार नहीं कर सकता कि झारखंड सरकार पश्चिम बंगाल में आई बाढ़ के लिए जिम्मेदार है. सीएम सरमा ने आगे कहा कि दोनों सरकारों को लोगों की कठिनाइयों को कम करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए. हर साल, अरुणाचल और भूटान पहाड़ियों से आने वाला पानी असम में बाढ़ का कारण बनता है. हालांकि, हम अरुणाचल सरकार या रॉयल भूटान सरकार को दोष नहीं देते, क्योंकि हम समझते हैं कि पानी की कोई सीमा नहीं होती और यह स्वाभाविक रूप से नीचे की ओर बहता है.
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