'असम के कई जिले बने मिनी बांग्लादेश', सीएम हिमंत बिस्व सरमा का बड़ा दावा
Bangladesh Crisis: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि असम के कई जिले मिनी बांग्लादेश बन गए हैं. उन्होंने ये बातें एक कार्यक्रम के दौरान कहीं.
Bangladesh Crisis News: भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. इस बीच असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने शुक्रवार (9 अगस्त) को हिंदुत्व के मुद्दे को लेकर मुखर नजर आए. इस दौरान सीएम हिमंत ने कहा कि राज्य के कुछ जिले “मिनी बांग्लादेश” में बदल गए हैं, जबकि, वहां अल्पसंख्यक हिंदू सरकारी मशीनरी के डर के कारण सुरक्षित हैं.
द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक राजधानी गुवाहाटी में तंगारा सत्र (मठ) में एक कार्यक्रम में बोलते हुए असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने शुक्रवार (9 अगस्त) को कहा, "पड़ोसी बांग्लादेश के बारे में तो सभी जानते हैं. वहां हिंदुओं पर कैसे हमले हुए हैं." जहां धार्मिक उत्पीड़न के कारण बांग्लादेश में हिंदुओं की आबादी भारत की आजादी के बाद 35% से घटकर आज 8% रह गई है. उन्होंने कहा कि असम का लगभग हर जिला मिनी बांग्लादेश में तब्दील हो चुका है. असम के कई क्षत्रों की जमीन पर एक वर्ग के लोगों (अवैध प्रवासियों) ने कब्जा कर लिया है.
बांग्लादेश जैसे हालात हैं असम के कुछ जिलों में- CM सरमा
मुख्यमंत्री ने आगे कहा, "असम के कुछ जिलों में भी हालात ऐसी ही है. जहां धुबरी में हिंदू कुल आबादी का मात्र 12% हैं और बारपेटा और मोरीगांव जैसे जिलों में उनकी संख्या 30-35% है. ये जिले मिनी बांग्लादेश जैसे हैं. उन्होंने कहा, "हिंदू इन जिलों में सिर्फ़ इसलिए खड़े हैं क्योंकि लोगों को पुलिस, सेना और अदालतों की कार्रवाई का डर है. एक बार यह डर खत्म हो जाए तो असम का पूर्वी हिस्से को छोड़कर वही अनुभव करेगा जो बांग्लादेश अभी महसूस कर रहा है.
आज बांग्लादेश में हिंदुओं की जनसंख्या सिर्फ़ 8% रह गई है। देखिए वहाँ कितना उत्पात हो रहा है। असम में ऐसे कुछ ज़िले हैं जहां हिंदू जनसंख्या सिर्फ़ 12% रह गई है। लेकिन हमारे मंदिर और महिलायें इसीलिए सुरक्षित हैं क्योंकि सबको पता है कि असम में किसकी सरकार है। pic.twitter.com/LZBDNkLSne
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) August 9, 2024
असम के हिंदू अपनी सुरक्षा के लिए सरकार पर न रहें निर्भर
सीएम सरमा ने कहा, "यह कड़वी सच्चाई है. ऐसें हालात न पैदा हों तो उनको रोकने का एकमात्र तरीका यह है कि असम के हिंदू अपनी सुरक्षा के लिए सरकार पर निर्भर न रहें.
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