Himanata Biswa Sarma: वारिस पंजाब दे का चीफ और खालिस्तान का समर्थक अमृतपाल सिंह मुसीबतों में घिरता नजर आ रहा है. उसके 4 करीबियों को असम की डिब्रूगढ़ जेल में शिफ्ट किया गया है. इस मामले पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की भी प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने रविवार (19 मार्च) को कहा है कि ये पुलिस से पुलिस का सहयोग है.


समाचार एजेंसी एएनआई के साथ बातचीत में उन्होंने कहा, “जब एक बार असम में गिरफ्तारी हुई थी तो हमने भी सुरक्षा कारणों से कुछ आरोपियों को बिहार की भागलपुर जेल में शिफ्ट किया था. अब पंजाब पुलिस ने सोचा होगा कि इन संदिग्धों का असम में रहना बेहतर है. ये पुलिस का पुलिस को सहयोग है.” चारों संदिग्धों को पहले असम के जोरहाट और फिर वहां से एक विशेष विमान से डिब्रूगढ़ ले जाया गया. अधिकारियों के अनुसार, एसपी तेजबीर सिंह हुंदल ने पंजाब पुलिस टीम का नेतृत्व किया, जो उन्हें पूर्वोत्तर राज्य ले गई.


अमृतपाल सिंह भगोड़ा करार


अमृतपाल सिंह के आंदोलन की सूचना मिलने के बाद शनिवार को पंजाब में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू किया गया. पंजाब पुलिस के मुताबिक, पीछा करने में कोई चूक नहीं हुई लेकिन वो किसी तरह पुलिस को चकमा देकर भागने में सफल रहा. शनिवार रात पुलिस ने खालिस्तान समर्थक नेता को 'भगोड़ा' घोषित कर दिया.






अब तक 75 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. इनमें अमृतपाल सिंह के छह से सात बंदूकधारी भी शामिल हैं. राज्यव्यापी अभियान के दौरान लगभग 13 राइफलें, एक रिवॉल्वर और 373 जिंदा कारतूस भी जब्त किए गए हैं. इस बीच, जिस कार में कथित तौर पर 'भगोड़ा' फरार हो गया, वो कार सलेमा में लावारिस हालत में मिली थी.


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