Triple Murder Case: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बुधवार (26 जुलाई) को दावा किया कि गोलाघाट जिले में तिहरे हत्याकांड की हालिया घटना ‘लव-जिहाद’ का परिणाम है. सरमा ने कहा कि दोषी पर त्वरित अदालत में मुकदमा चलाने के लिए 15 दिन के भीतर चार्जशीट दाखिल कर दिया जाएगा.


गोलाघाट जिले में सोमवार को 25 वर्षीय एक व्यक्ति ने पारिवारिक विवाद के कारण अपनी पत्नी और उसके माता-पिता की हत्या कर दी. इसके बाद में पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया.  सरमा ने मृतकों के परिजनों से भी मुलाकात की और आश्वासन दिया कि मामले में गहन जांच की जाएगी और दोषी को बख्शा नहीं जाएगा. 


हिमंत बिस्वा सरमा ने क्या कहा?
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने पत्रकारों को बताया कि पीड़ित परिवार हिंदू है और आरोपी मुसलमान समुदाय से है. उसने पहले फेसबुक में खुद को हिंदू नाम वाला दिखाया. जब जोड़ा कोलकाता फरार हो गया, तब कहा जाता है कि महिला मादक पदार्थ लेने लगी थी. 


उन्होंने कहा कि सूचना मिली की आरोपी मेकैनिकल इंजीनियर है और उसे नशे की लत है, साथ ही वह प्रतिबंधित पदार्थों की तस्करी में भी शामिल है।


क्या दावा किया?
सरमा ने दावा किया, ‘‘ महिला को सूई के जरिए मादक पदार्थ दिया गया जिसके प्रभाव में आने के बाद उसे गर्भवती कर दिया गया. जब महिला आरोपी के घर पहुंची तो उसे प्रताड़ित किया गया जिसके बाद वह अपने माता-पिता के घर लौट आई.’’


उन्होंने कहा कि महिला ने उत्पीड़न संबंधी शिकायत दर्ज कराई थी जिसके आधार पर उसके पति को जेल भेजा गया था. 


उन्होंने कहा, ‘‘ मैं व्यक्तिगत तौर पर ऐसे मामले से चिंतित हूं जिसमें एक महिला को विवाह के लिए प्रेरित करने के वास्ते फेसबुक में धार्मिक पहचान छिपाई गई और अंत में ऐसे हालात पैदा किए गए कि वह लौट नहीं पाई। अगर वह लौट भी आती है तो समाज उसे स्वीकार नहीं करता. ’’ ऐसे हालात में वह अपना धर्म परिवर्तित कर लेती है, सबकुछ कुर्बान कर देती है ।


मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, ‘‘ पूरी जांच की जाएगी और मुझे उम्मीद है कि इसके बाद पूरी जानकारी सामने आ सकेगी. हम कड़ी कार्रवाई करेंगे और किसी को बख्शा नहीं जाएगा. 



हिमंत बिस्वा सरमा ने क्या अनुरोध किया?
बाद में सरमा ने ट्वीट किया कि असम सरकार यहां के समाज को अपराध मुक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है और संकल्प जताया कि ‘‘कोई अपराधी कानून से बच नहीं पाएगा’’. 


इस बीच, असम के पुलिस महानिदेशक ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि मामले की जांच के संबंध में निर्देशों का पालन किया जाएगा.  उन्होंने कहा, ‘‘हम अपराधियों और उकसाने वालों के खिलाफ ठोस आरोपपत्र सुनिश्चित करेंगे. पिछली जांच में जोड़े गए विवाह प्रमाण पत्र की वैधता सहित पहले के मामलों की जांच में खामियों पर भी ध्यान दिया जाएगा. 


उन्होंने कहा कि मैं अपनी बेटियों से अनुरोध करूंगा कि इतनी आसानी से जान न दें. उन्हें फेसबुक या अन्य सोशल मीडिया मंचों पर आसानी से लोगों से दोस्ती नहीं करनी चाहिए. किसी अलग धर्म के व्यक्ति से शादी करने से पहले गंभीरता से सोचने की जरूरत है.’’


द केरल स्टोरी’ का किया जिक्र
 हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि यह तिहरा हत्याकांड मामला साबित करता है कि ‘द केरल स्टोरी’ में बतायी कहानी झूठी नहीं है. 


असम के पुलिस महानिदेशक ने दंपति का वैवाहिक प्रमाणपत्र साझा करने के बारे में सरमा ने कहा कि यह किसी ‘काजी’ ने जारी किया है और इसकी कोई कानूनी वैधता नहीं है क्योंकि यह किसी अदालत में पंजीकृत नहीं है. 


पुलिस ने क्या कहा?
पुलिस के मुताबिक, आरोपी पहले भी अपनी पत्नी से मारपीट के मामले में जेल जा चुका है और रिहा होने के बाद वह घर आया और फिर से झगड़ा करने लगा. 


इसके बाद उसने अपनी पत्नी और सास-ससुर की हत्या कर दी. वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी अपने नौ महीने के बेटे के साथ गोलाघाट थाने पहुंचा और आत्मसमर्पण कर दिया.


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