हैदराबाद: आंध प्रदेश के मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी कल तिरुपति मंदिर में दर्शन के लिए गए, लेकिन उनका ये दौरा विवादों में घिर गया. जगनमोहन रेड्डी के मंदिर जाने पर पूरे राज्य में विरोध प्रदर्शन होने लगे. चंद्रबाबू नायडू की पार्टी तेलुगु देशम पार्टी और बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने राज्य के तमाम शहरों में प्रदर्शन किया.


जगनमोहन रेड्डी की तरफ से भगवान के प्रति अपनी आस्था की घोषणा नहीं करने के विरोध में टीडीपी के कार्यकर्ता नाराज हो गए. टीडीपी ने मुख्यमंत्री जगन से मंदिर की परंपरा निभाने की मांग की.


क्या है मंदिर की परंपरा
तिरुपति मंदिर में गैर हिंदुओं के प्रवेश से पहले भगवान के प्रति आस्था की घोषणा करना पड़ती है. साल 2009 में पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम ने भी तिरुपति मंदिर में दर्शन से पहले भगवान के प्रति अपनी आस्था जताई थी. जगनमोहन रेड्डी के ईसाई होने की वजह से टीडीपी ने भी उनसे भगवान के प्रति अपनी आस्था जताने की मांग की थी. लेकिन टीडीपी और बीजेपी की मांग को दरकिनार करते हुए जगनमोहन रेड्डी ने तिरुपति मंदिर के दर्शन किए.


जगन से टीडीपी और बीजेपी की नाराजगी की एक और वजह भी है. दरअसल, पिछले कुछ महीनों में आंध्र प्रदेश के कई मंदिरों में हमले की घटनाएं हुई हैं. विपक्ष का आरोप है कि मंदिर पर हमले के दौरान जगनमोहन रेड्डी की सरकार खामौश रही. हालांकि विपक्ष के विरोध के बावजूद पूरी आस्था के साथ जगनमोहन रेड्डी ने तिरुपति मंदिर में दर्शन किए.


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