Afghanistan Crisis: अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद वहां पर फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए सभी देश लगातार प्रयास कर रहे हैं. भारत सरकार की तरफ से भी अपने नागरिकों को निकाला जा रहा है. काबुल स्थित भारतीय दूतावास के सभी कर्मचारियों और राजदूत को भी वापस लाया गया है. इस बीच, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि उन्हें यह जनकारी मिली है कि दार्जिलिंग, तेराई और कलिमपोंग से करीब 200 लोग अफगानिस्तान में फंसे हुए हैं.  


उन्होंने कहा कि राज्य के मुख्य सचिव की तरफ से फंसे हुए लोगों को भारत और पश्चिम बंगाल लाने के लिए व्यवस्था सुनिश्चित करने और उनकी सुरक्षित वापसी को लेकर विदेश मंत्रालय को पत्र लिखा जा रहा है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आगे कहा- "त्रिपुरा के पूर्व स्पीकर ने उन्हें पत्र लिखा है कि वह और कई अन्य लोग तृणमूल कांग्रेस पार्टी ज्वाइन करना चाहते हैं. हम अब आगे त्रिपुरा में जीत दर्ज करेंगे. हम चाहते हैं कि बंगाल स्कीम त्रिपुरा में भी लागू की जाए."






गौरतलब है कि अफगानिस्तान से 15 अगस्त को राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश छोड़कर भागने और तालिबान के काबुल स्थित राष्ट्रपति भवन पर कब्जे के बाद वहां पर अब पूरी तरह से तालिबान का नियंत्रण हो चुका है. इसके बाद तालिबान के इतिहास को याद पर वहां के लोगों में चिंताएं बढ़ गई है. महिलाएं काफी सहमी हुई है और मदद की गुहार सोशल मीडिया और अन्य प्लेटफॉर्म पर लगा रही हैं. 


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