Medical Student: यूक्रेन से लौटे मेडिकल स्टूडेंट्स के लिए सीएम स्टालिन चिंतित, पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी
Tamilnadu CM: यूक्रेन से वापस लौटे मेडिकल स्टूडेंट्स के एडमिशन को लेकर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने चिंता जाहिर की है. एमके स्टालिन ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है.
Russia Ukraine War: रूस (Russia) और यूक्रेन (Ukraine) के बीच चल रही जंग के बीच में यूक्रेन से अपनी पढ़ाई छोड़कर भारत (India) लौटने पर मजबूर हुए मेडिकल स्टूडेंट्स (Medical Students) के लिए तमिलनाडु (Tamilnadu) के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन (MK Stalin) ने चिंता जाहिर की है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को पत्र लिखकर यूक्रेन से लौटे मेडिकल छात्रों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने का अनुरोध किया है. आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने मॉनसून सत्र (Monsoon Session) के दौरान ने लोकसभा (Loksabha) में जवाब देते हुए कहा था कि नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ने इन छात्रों के एडमिशन की अनुमति नहीं दी है.
केंद्रीय राज्य स्वास्थ्य मंत्री भारती पवार ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि एनएमसी की मंजूरी के बिना यूक्रेन से लौटे छात्रों को न तो किसी भारतीय मेडिकल कॉलेज में एडमिशन मिल सकेगा और न ही इन्हें एकोमोडेट किया जा सकेगा. इसी जवाब के बदले में सीएम स्टालिन ने अब प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखा है और कहा है कि लोकसभा में ये उत्तर विशिष्ट संदर्भ में दिया गया है.
Tamil Nadu CM MK Stalin writes to PM Modi, requesting him to take necessary steps to secure the future of the medical students who have returned from Ukraine. pic.twitter.com/1ybOJ2iskG
— ANI (@ANI) July 24, 2022
एमके स्टालिन ने क्या कहा पत्र में
उन्होंने आगे कहा कि रूस-यूक्रेन के युद्ध की शुरूआत से ही करीब 2 हजार छात्र यूक्रेन से तमिलनाडु लौटे हैं. ये संख्या अपने देश के सभी राज्यों से सबसे अधिक है. यूक्रेन मौजूदा हालात को देखते हुए ऐसा भी संभव नहीं है कि ये छात्र वापस यूक्रेन में अपने कॉलेज वापस चले जाएं. इसलिए अपने राज्य की तरफ से अनुरोध किया जाता है कि इन छात्रों के भविष्य को देखते हुए या तो भारत के ही किसी कॉलेज में एकोमोडेट किया जाए या फिर विदेश की किसी यूनिवर्सिटी में इन्हें तरजीह दिलाई जाए.
सुप्रीम कोर्ट का एनएमसी को निर्देश
गौरतलब है कि बीते 29 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने एनएमसी (NMC) को निर्देश दिया था कि वह युद्ध (War) और महामारी (Pandemic) से प्रभावित इन मेडिकल स्टूडेंट्स (Medical Students) की भारत के मेडिलकल कॉलेजों (Medical Colleges) में ट्रेनिंग के लिए योजना बनाए. इसके लिए कोर्ट ने आयोग को 2 महीने का समय दिया था. मार्च में जारी एक सर्कुलर में एनएमसी ने विदेश से लौटे छात्रों को भारत में इंटर्नशिप (Internship) पूरी करने की छूट दी थी लेकिन इसके लिए एफएमजीई एग्जाम (FMGE Exam) क्लीयर करना जरूरी कर दिया था. आपको बता दें कि बीते दो साल के अंदर यूक्रेन (Ukraine) और चीन (China) से लगभग 40 हजार स्टूडेंट्स भारत वापस लौटे हैं.
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