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गुरुग्राम नमाज़ मामले पर सीएम खट्टर का यू-टर्न, अब बोले- ‘खुले में पढ़ने से नहीं लगाई रोक’
गुरुग्राम में खुले में नमाज पढ़ने से रोकने के लिए हिंदूवादी संगठन एकजुट हो रहे हैं. रविवार को गुरुग्राम में कई हिंदू संगठनों की साढ़े तीन घंटे तक बैठक हुई. इसमें तय हुआ कि खुले में नमाज नहीं पढ़ने दी जाएगी.
गुरुग्राम: हरियाणा के गुरूग्राम में नमाज को लेकर खड़ा हुआ नया विवाद थम नहीं रहा है. प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर अब अपने उस बयान से पलट गए हैं, जिसमें उन्होंने कहा था कि नमाज़ खुली जगह की बजाए मस्जिद में पढ़ी जानी चाहिए. सीएम खट्टर ने अब कहा है कि मैंने खुले में नमाज़ पढ़ने पर रोक लगाने की बात नहीं की है.
सीएम खट्टर ने क्या कहा है?
सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा है, ‘’ मैंने खुले में नमाज़ पढ़ने पर रोक लगाने की बात नहीं की है. अगर किसी को खुले में नमाज पढ़ने में दिक्कत आ रही है तो वो पुलिस प्रशासन से संपर्क करें.’’ उन्होंने यह बात दिल्ली एयरपोर्ट पर कही है. बता दें कि सीएम खट्टर आज से दस दिन के विदेश दौरे पर जा रहे हैं.
खट्टर ने पहले क्या कहा था?
कल सीएम खट्टर ने कहा था, ''जो जगहें नमाज़ पढ़ने के लिए हैं, वहीं नमाज़ पढ़ी जानी चाहिए. नमाज़ ईदगाह या मस्जिद में पढ़ी जानी चाहिए और अगर नमाज़ पढ़ने की उनकी जगह कम पड़ती है तो उन्हें अपने निजी स्थान पर नमाज़ पढ़नी चाहिए. ये ऐसे विषय नहीं हैं जिनका सार्वजनिक स्थानों पर प्रदर्शन हो.''
जमीन पर कब्जा स्वीकार नहीं- मंत्री अनिल विज
वहीं, खट्टर कैबिनेट में मंत्री अनिल विज ने कहा, ‘’हमारा संविधान इसकी इजाजत देता है कि कोई भी अपने धर्म की पद्दति से पूजा पाठ कर सकता है और इसकी इजाजत दी जा सकती है. लेकिन किसी भी जमीन पर कब्जा करने के लिए कोई नमाज पढ़ता है तो उसे स्वीकार नहीं किया जा सकता.’’
हिंदूवादी संगठनों ने दी धमकी- खुले में नहीं पढ़ने देंगे नमाज गुरुग्राम में खुले में नमाज पढ़ने से रोकने के लिए हिंदूवादी संगठन एकजुट हो रहे हैं. रविवार को गुरुग्राम में कई हिंदू संगठनों की साढ़े तीन घंटे तक बैठक हुई. इसमें तय हुआ कि खुले में नमाज नहीं पढ़ने दी जाएगी. खुले में नमाज ना पढ़ी जाए, इसके लिए आज गुरुग्राम के उपायुक्त को ज्ञापन भी दिया जाएगा. इस बैठक में बजरंग दल, शिव सेना, विश्व हिन्दू परिषद, हिन्दू क्रांति दल, हिन्दू जागरण मंच, राष्ट्रीय निर्माण संघ, भारत बचाओ यात्रा आंदोलन के कार्यकर्ता, आसपास के ग्रामीण, कुछ गांवों के सरपंच भी बैठक में मौजूद रहे.Occasionally agar kisi ko padhni pad jaati hai to dharm ki aazaadi hai.Lekin kisi jagah ko kabza karne ki niyat se namaaz padhna galat hai.Uski ijazat nahi di jaa sakti:iHaryana Mn Anil Vij on CM ML Khattar's statement that Namaz should be read in Mosques/Idgahs,not public spaces pic.twitter.com/hiV3LkcYvs
— ANI (@ANI) May 7, 2018
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राजेश शांडिल्यसंपादक, विश्व संवाद केन्द्र हरियाणा
Opinion