नई दिल्ली: राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कौन बनेगा मुख्यमंत्री? इस सवाल का इंतजार 11 तारीख से ही हो रहा है. 13 तारीख की शाम होते-होते तो सीएम पद दावेदारों के समर्थक सड़कों पर निकल आए हैं. भोपाल, जयपुर और रायपुर में समर्थकों का उत्साह देखते ही बन रहा है. ये लोग अपने नेता के पक्ष में नारे लगा रहे हैं और कांग्रेस आलाकमान से उन्हें सीएम बनाने की मांग कर रहे हैं.


एमपी में कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया, राजस्थान में सचिन पायलट और अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल और टीएस सिंहदेव सीएम पद के मुख्य दावेदार हैं. इन लोगों के समर्थक अपने-अपने नेताओं को सीएम बनाने की मांग कर रहे हैं.


कांग्रेस सूत्रों की ओर से बताया गया है कि मुख्यमंत्रियों के नामों पर फैसला कर लिया गया है. हालांकि ये साफ नहीं है कि जब फैसला हो गया है तो घोषणा में देर क्यों हो रही है.


ऐसा पहली बार नहीं है जब सीएम को लेकर पेंच इस कदर फंस गया हो. आपको याद होगा कि यूपी में भी मामला काफी पेचीदा हो गया था लेकिन कार्यकर्ता इस तरह सड़कों पर नहीं उतरे थे. करीब सात दिनों की माथापच्ची के बाद योगी आदित्यनाथ को यूपी की सत्ता सौंपने का फैसला किया गया था. हालांकि केशव प्रसाद मौर्य इस निर्णय से खफा बताए जाते थे लेकिन वक्त गुजरने के साथ सब ठीक हो गया.


हरियाणा में भी मनोहर लाल खट्टर को काफी माथापच्ची के बाद सत्ता सौंपने का फैसला किया गया था. सुषमा स्वराज से लेकर अनिल विज तक का नाम सीएम दावेदारों के लिए लिया जा रहा था लेकिन अंत में बाजी हाथ आई खट्टर के जो पहली बार चुनाव लड़कर विधानसभा पहुंचे थे. 19 अक्तूबर 2014 को नतीजे घोषित हुए थे और 21 अक्तूबर को सीएम के नाम का एलान किया गया था.


महाराष्ट्र में तो करीब 9 दिनों के बाद देवेंद्र फडणवीस के नाम की घोषणा की गई थी जबकि हिमाचल और उत्तराखंड में भी करीब 6-6 दिनों का वक्त सीएम का नाम तय करने में लगा था. हालांकि सड़कों पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं का जैसा हुजूम दिख रहा है वैसा पहले शायद ही कभी देखा गया था.