पटना: नागरिकता संशोधन कानून पर जेडीयू के समर्थन के बाद से पार्टी में आंतरिक घमासान मचा हुआ है. पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर के पार्टी लाइन के खिलाफ जाकर लगातार ट्वीट और वरिष्ठ जेडीयू नेता आरसीपी सिंह के उनके ऊपर तल्ख टिप्पणी के बाद ये लड़ाई सबके सामने आ गई. इन सबके बीच आज प्रशांत किशोर ने जेडीयू चीफ नीतीश कुमार से मुलाकात की. प्रशांत किशोर से बातचीत के दौरान सीएम नीतीश ने कहा कि वह बिहार में किसी कीमत पर एनआरसी लागू नहीं करेंगे चाहे इसके लिए उन्हें इस्तीफा क्यों न देना पड़े.
नीतीश कुमार और प्रशांत किशोर के बीच दो घंटे की बातचीत हुई. खबरों के मुताबिक प्रशांत किशोर ने सीएम नीतीश से बातचीत के दौरान उनसे तीन बार इस्तीफे की पेशकश की. हालांकि, जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने इस्तीफा लेने से इनकार कर दिया.
मुलाकात के बाद प्रशांत किशोर ने कहा, "मुख्यमंत्री से बात हो गई है. जो भी बात मझे उन्हें बतानी थी मैंने उनको बताया. मुझे जो सीएबी पर बोलना था हमने बोल दिया है. मुख्यमंत्री को जो निर्णय लेना है वो लेंगे. आगे जब उनका जल-जीवन-हरियाली का कार्यक्रम पूरा हो जायेगा तो इसपर वो विस्तार से चर्चा करेंगे.
मिलने के सवाल पर उन्होंने कहा, ''हमारे नेता हैं. वो पार्टी के अध्यक्ष हैं. उनसे मिलने के लिए कोई विशेष जरूरत की आवश्यकता नहीं है. एनआरसी पर नीतीश जी ने पहले भी कहा है कि वो इसके पक्ष में नहीं है. उसपर जो पार्टी का स्टैंड है उसे नीतीश कुमार बताएंगे.''
आरसीपी सिंह के बयान पर उन्होंने कहा, ''वह पार्टी में बड़े लीडर हैं और जो उन्होंने कह दिया उसे तूल देने की जरूरत नहीं है. मेरे ऊपर जिसको जो आरोप लगाना है लगाए. जहां तक मुख्यमंत्री जी का सवाल है उन्होंने जो कहा है मैं उसे दुहराता हूं कि पार्टी में कोई कुछ कहता है तो उसपर ध्यान देने की जरूरत नहीं है.'' प्रशांत किशोर ने कहा, ''मेरे खिलाफ की कोई बात नहीं है. उन्होंने अपना मत जाहिर किया है और उससे मुझे कुछ आपत्ति नहीं है. मैं व्यक्तिगत किसी पर टिप्पणी नहीं करता हूं. ये पार्टी के अध्यक्ष का मामला है. वो इसे देखेंगे. किसकी गलती है, नहीं है. उन्होंने कहा है कि मुझपर छोड़ दीजिए.''
प्रशांत किशोर ने कहा, ''छवि को नुकसान पहुंचा या नहीं ये कहना मुश्किल है. लेकिन मुख्यमंत्री का कहना है कि एनआरसी के पक्ष में हम नहीं हैं. सीएबी कानून एनआरसी के साथ खतरनाक है. अगर एनआरसी न हो तो सीएबी बिल से कोई परेशानी नहीं है. गृहमंत्री ने भी बताया है कि ये नागरिकता देने का कानून है इसलिए इससे दिक्कत नहीं है. लेकिन जब आप इसे एनआरसी से जोड़ देते हैं तब वो खतरनाक हो सकता है.
दिल्ली में आम आदमी पार्टी के चुनाव प्रचार का काम संभालने के मुद्दे पर उन्होंने कहा, ''आम आदमी पार्टी का चुनाव अभियान हो या तृणमूल कांग्रेस का, यह आइपैक संस्था का काम है और इसे वो ही करती है. मैं आइपैक नहीं चलाता. मेरा आइपैक असोसिएशन है और मैं उससे जरूर जुड़ा हुआ हूं. इससे इंकार नहीं पर है, लेकिन मैं आइपैक नहीं चलाता हूं. आइपैक कई तरह के काम देखती है.
मुलाकात के दौरान PK ने की इस्तीफे की पेशकश, नीतीश कुमार ने ठुकराया- सूत्र