CM नीतीश कुमार ने तारीफ में कहा कुछ ऐसा, मंच पर हंसी नहीं रोक पाए प्रधानमंत्री मोदी
CM Nitish Kumar बिहार के राजगीर में नालंदा विश्वविद्यालय के नए कैंपस का उद्घाटन के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने PM नरेंद्र मोदी को लेकर कुछ ऐसा कहा कि दोनों ही लोग मंच पर ही हंसने लगे.
CM Nitish Kumar: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार (19 जून) को बिहार के राजगीर में नालंदा विश्वविद्यालय के नए कैंपस का उद्घाटन किया. इस दौरान बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने PM नरेंद्र मोदी को धन्यवाद भी दिया. इसके अलावा उन्होंने बताया कि अब नालंदा यूनिवर्सिटी पूरी तरह से कार्यरत हो गया है.
भाषण के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पीएम मोदी की तारीफ की. इस दौरान उन्होंने कुछ ऐसा कहा कि जिसे प्रधानमंत्री भी मंच पर ही हंसने लगे थे.
मंच पर हंसने लगे CM नीतीश और PM मोदी
मंच पर प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत करते हुए नीतीश कुमार ने कहा, 'मैं उनका स्वागत करता हूं, मैं उनको धन्यवाद देता हूं. मुझे बहुत खुशी हुई. इस दौरान मैंने कहा चलो अच्छा है. आपकी तीसरी बार सरकार तो है ही, इसमें कोई दिक्कत नहीं है. ' उनके बयान पर प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मंच पर ही हंसने लगे.
ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने कही थी ये मांग
CM नीतीश कुमार ने आगे कहा था, 'खुशी की बात है कि नालंदा विश्वविद्यालय के परिसर का उद्घाटन आज प्रधानमंत्री मोदी के करकमलों से किया जा रहा है.पुराने नालंदा विश्वविद्यालय में देश के ही नहीं दुनिया की अनेक जगह के लोग आकर पढ़ते थे लेकिन दुर्भाग्य से ये विश्वविद्यालय 1200 ईस्वी में नष्ट हो गया था. 2005 से हम लोगों को काम करने का मौका मिला तब से हमने बिहार के विकास का काम शुरू किया. 2006 में तत्कालीन राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम बिहार आए थे और उन्होंने अपने संबोधन में नालंदा विश्वविद्यालय को फिर से स्थापित करने की बात की थी. '
'शिक्षा ही हमें गढ़ती है'
लोगों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था, "हम सभी जानते हैं कि नालंदा कभी भारत की परंपरा और पहचान का जीवंत केंद्र हुआ करता था. शिक्षा को लेकर यही भारत की सोच रही है. शिक्षा ही हमें गढ़ती है, विचार देती है और उसे आकार देती है. प्राचीन नालंदा में बच्चों का प्रवेश उनकी पहचान, उनकी राष्ट्रीयता को देख कर नहीं होता था. हर देश हर वर्ग के युवा हैं यहां पर. नालंदा विश्वविद्यालय के इस नए परिसर में हमें उसी प्राचीन व्यवस्था को फिर से आधुनिक रूप में मजबूती देनी है और मुझे ये देख कर खुशी है कि दुनिया के कई देशों से आज यहां कई विद्यार्थी आने लगे हैं. "