पटना: जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने एलान किया कि आगामी एक मार्च को पटना के गांधी मैदान में पार्टी कार्यकर्ताओं का भव्या सम्मेलन किया जाएगा. उन्होंने इस संबंध में आज एक बैठक की. उन्होंने कहा कि हमने जेडीयू के जिलाध्यक्षों को सरकारी काम पर जनता का फीडबैक लेने का कार्य सौंपा है. बैठक के बाद सीएम नीतीश ने पत्रकारों को भी संबोधित किया. यहां उन्होंने शरजिल इमाम से संबंधित सवाल का जवाब देते हुए कहा कि दिल्ली पुलिस का जो काम है, वह कर रही है. बिहार पुलिस इसमें पूरा सहयोग कर रही है. जो भी गलत काम करेगा उस पर कार्रवाई होगी. सीएम ने कहा कि इस धरती पर किसी में दम नहीं कि भारत को टुकड़ों में कर सके, यह संभव नहीं है.


मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां तक सीएए का सवाल है यह अब कानून का रूप ले चुका है. उन्होंने कहा कि यह केंद्र सरकार का विषय है. सीएम ने कहा कि सीएए पर कुछ विवाद है, यह विषय माननीय सर्वोच्च न्यायालय के अधीन है. उस पर चर्चा होगी कि यह संवैधानिक है या नहीं. इस विषय पर किसी के मन में कोई प्रश्न है तो माननीय सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का इंतजार करना चाहिए. सीएम ने कहा कि जहां तक एनआरसी की बात है तो हमलोगों ने पहले ही कहा है कि इसका सवाल ही नहीं है.


मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कह दिया है कि एनआरसी की कोई बात नहीं है. उन्होंने कहा, ''एनपीआर की बातें चल रही हैं. यह वर्ष 2011 से चल रहा है उसी का रिव्यू हुआ है. आगे 2015 में हुआ और फिर वर्ष 2020 में हो रहा है. यह नई बात नहीं है.'' उन्होंने कहा कि एनपीआर में जो कुछ नया जोड़ा गया है उससे कुछ भ्रम का माहौल पैदा हुआ है. माता-पिता का कहां जन्म हुआ जैसे प्रश्नों को लेकर गरीब-गुरबों को शायद यह जानकारी न हो. हमलोगों की पार्टी की जो राय है, दोनों संसदीय दल के नेता उन बातों को रखेंगे. उन्होंने कहा कि वर्ष 2011 से एनपीआर का जो आधार चला आ रहा है उसी को कंटीन्यू किया जाए ताकि लोगों को भ्रम न हो.


जेडीयू चीफ ने कहा कि एनपीआर में जो नए कॉलम जोड़े गए हैं उसकी आवश्यकता नहीं है. जो पुराने क्लाउज हैं उसी आधार पर एनपीआर हो. इसमें 4-5 बिंदु हैं जिस पर ध्यान दिए जाने की जरुरत है. जैसे माता का जन्म किस दिन हुआ है, यह जरुरी नहीं कि सबको ऐसी बातें पता हो, खासकर गरीब गुरबों को. आधार कार्ड का नंबर तो पहले से ही रिकॉर्डेड है. लोगों के मन में जिन चीजों को लेकर भ्रम और भय आ गया है उन सब चीजों को देखकर समाधान करते हुए लोगों को राहत दिलानी चाहिए.


सीएए पर सीएम ने कहा कि यह कोई स्टेट का विषय नहीं है. नीतीश कुमार ने कहा कि यह मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है. उन्होंने कहा कि कोर्ट के निर्णय से बातें स्पष्ट हो जाएंगी. लोगों को इस बात को समझना चाहिए, अकारण किसी मुद्दे को तूल नहीं देना चाहिए. हमलोगों का भी अपना ओपिनियन है जिसे प्रकट करते हैं. आज की बैठक में जो बात हुई है उसमें महत्वपूर्ण बात ये है कि जनगणना जातीय आधार पर होनी चाहिए. पिछले वर्ष फरवरी 2019 में विधानसभा और विधान परिषद में एकमत से यह संकल्प पारित कर केंद्र सरकार को भेज दिया गया था.


सीएम ने कहा कि साल 1931 के बाद से देश में जातिगत जनगणना नहीं हुई है. जातिगत जनगणना होने से बहुत बातें सामने आएंगी. जैसे धर्म के आधार पर जनगणना, एससी/एसटी के बारे में जनगणना से उनसे संबंधित कई जानकारियां मिलती हैं. उसी प्रकार सामान्य वर्ग और पिछड़े वर्ग के बारे में भी जानकारी मिलेगी. समाज के जो लोग हाशिए पर हैं उन्हें मुख्य धारा में लाने के लिए कितने संसाधन की और जरुरत होगी, ठीक से क्रियान्वित करने के लिए और किन किन चीजों की आवश्यकता होगी इसके संबंध में जानकारी मिलेगी.


जेडीयू नेता पवन वर्मा पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर के आज की बैठक में शामिल नहीं होने से जुड़े सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सब लोग अपनी-अपनी राय रखते हैं. किसी ने चिट्ठी लिखी, उस पर जवाब दे दिया गया है. कोई ट्वीट करता है उससे हमें क्या मतलब. जेडीयू चीफ ने कहा, ''जब तक किसी को पार्टी में रहने की इच्छा होगी तब तक ही वो रहेगा.'' उन्होंने कहा, ''हमलोगों की पार्टी अलग तरह की पार्टी है. हमलोग साधारण कैटेगरी के लोग हैं. हमारी पार्टी इंटेलेक्चुवल टाइप और बड़े लोगों की पार्टी नहीं है. हम सबकी इज्जत करते हैं, सबका सम्मान करते हैं.''


उन्होंने कहा, ''अमित शाह जी के कहने पर हमने प्रशांत किशोर को पार्टी ज्वाइन कराया था. कोई कुछ कहता है तो हो सकता है उसको कहीं और जाने का मन हो. स्ट्रैटजिस्ट के रुप में वे कई लोगों का काम करते हैं. खबरों में है कि वो आम आदमी पार्टी का काम कर रहे हैं. वो पार्टी में रहेंगे या नहीं, ये उन्हीं से पूछ लीजिये. अगर पार्टी में रहना है तो पार्टी के बुनियादी ढांचे को अंगीकार करना होगा और पार्टी को समझना होगा.''