नई दिल्ली: लॉकडाउन की घोषणा के बाद बड़े पैमाने पर दिल्ली में रह रहे प्रवासी मजदूरों ने पलायन शुरू कर दिया था. पूरे मामले में नीतीश कुमार की निष्क्रियता पर भी सवाल उठे थे. आखिरकार बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को दिल्ली में रहने वाले बिहार के प्रवासी मजदूरों और श्रमिकों की याद आ ही गई.


बिहार सरकार ने दिल्ली के दस इलाकों में ऐसे प्रवासी मजदूरों के लिए भोजन की व्यवस्था की है. जिन इलाकों में भोजन के लिए केंद्र खोले गए हैं उनमें बदरपुर, सोनिया विहार, पालम कालोनी ( शास्त्री पार्क ) , आया नगर ( महरौली ) , किरारी , शकरपुर , गणेश नगर , मुकुंदपुर एक्सटेंशन ( बुराड़ी ) , बंगाली कालोनी ( बुराड़ी ) और गोविंदपुरी शामिल हैं. ये सभी वो इलाके हैं जहां बड़ी संख्या में बिहार से दिल्ली आए मजदूर काम के साथ-साथ निवास भी करते हैं.


दो बार मिलेगा भोजन 


सभी दस केंद्रों पर दो बार भोजन देने का इंतजाम किया गया है. पहली बार दोपहर 12 बजे से 2 बजे तक जबकि दूसरी बार रात में 7 बजे से 9 बजे तक खाना दिया जाएगा.  ज्यादातर केंद्रों पर गुरुवार से खाना मिलने का काम शुरू भी हो गया. बिहार भवन के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक गुरुवार को करीब 3200 लोगों ने इन केंद्रों पर मिल रहे खाने का लाभ उठाया.


बिहार भवन ने जारी किए नम्बर 


लॉकडाउन के दौरान अलग-अलग राज्यों में फंसे बिहारी मजदूरों की मदद के लिए बिहार सरकार ने दिल्ली स्थित बिहार भवन में एक कंट्रोल रूम भी बनाया है. कंट्रोल रूम के नम्बरों पर कोई भी प्रवासी अपनी दिक्कत बता कर उसका समाधान पा सकता है लेकिन इस तरह की शिकायतें आम आ रही हैं कि कई बार बजने के बाद भी कोई फोन नहीं उठाता है. हालांकि इसे दुरुस्त करने की कवायद भी चल रही है.

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