नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश विधानसभा के भीतर घूसखोरी को लेकर एबीपी न्यूज़ के स्टिंग ऑपरेशन 'सीएम की नाक के नीचे' के बाद योगी सरकार अब हरकत में आ गई है. सरकार ने लखनऊ के एडीजी राजीव कृष्ण की अगुवाई में एक एसआईटी का गठन किया है. इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने तीनों निजी सचिवों को तत्काल सस्पेंड करने और एफआईआर दर्ज कराने का आदेश दिया है.


सरकार ने जो एसआईटी बनाई है उसमें आईजी एसटीएफ और विशेष सचिव IT राकेश वर्मा को शामिल किया गया है. ये एसआईटी जल्द ही अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. एबीपी न्यूज के स्टिंग ऑपरेशन में यूपी सरकार के मंत्री ओम प्रकाश राजभर, अर्चना पांडे और संदीप सिंह के निजी सचिव कैमरे में घूस की डीलिंग करते हुए कैद हुए थे.

राजनीतिक सरगर्मी भी शुरू, एसपी-कांग्रेस ने मांगा योगी का इस्तीफा
एबीपी न्यूज़ के स्टिंग ऑपरेशन के बाद सियासी सरगर्मी भी बढ़ गई है. समाजवादी पार्टी ने स्टिंग को भ्रष्टाचार का सबूत बताते हुए बीजेपी पर हमला बोला है. कांग्रेस ने इसके लिए मुख्यमंत्री को जिम्मेदार ठहराया है. समजावादी पार्टी ने ट्वीट किया. ''एबीपी न्यूज़ के स्टिंग ‘सीएम की नाक के नीचे’ में तीन मंत्रियों के निजी सचिवों द्वारा घूस की डीलिंग करना समूची भाजपा सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार का सबूत है. आरोपों की जांच पूरी होने से पहले. नैतिकता के आधार पर इस्तीफ़ा दें सीएम और सम्बंधित मंत्री.''

कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी राज बब्बर ने भी इस भ्रष्टाचार के लिए सीधे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जिम्मेदार ठहराते हुए इस्तीफे की मांग की है. राज बब्बर ने कहा, ''स्टिंग के दौरान ये भी साफ हुआ है कि तीनों निजी सचिव सरकार ने ही दिए थे. इस सरकार का उसूल है कि जो हमारे खिलाफ है उसे खिलाफ कर देंगे. इस मामले में सीधे सीएम की जिम्मेदारी बनती है, उन्हें नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे देना चाहिए.''


राजभर ने अपने पीएस के कारनामे से पल्ला झाड़ा
स्टिंग ऑपरेशन पर प्रतिक्रिया देते हुए मंत्री राजभर पल्ला झाड़ते दिखे. ओम प्रकाश राजभर ने एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए कहा कि वो सरकारी कर्मचारी हैं, हम उनके खिलाफ कार्रवाई कैसे कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि मैं कार्रवाई क्यों करूं, मुख्य सचिव करें. राजभर ने स्टिंग ऑपरेशन में अपने कमरे में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की तस्वीरें लगी होने से भी इनकार कर दिया. हालांकि बाद में उन्होंने माना कि उनका ही कमरा था.


अर्चना पांडे बोलीं- ये बेहद शर्मनाक, कार्रवाई करेंगे
मंत्री अर्चना पांडे ने दोषी निजी सचिवों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कही. अर्चना पांडे ने कहा, ''ये मेरे लिए बहुत आश्चर्य की बात है कि मेरे ही कमरे में ऐसा काम हो रहा था. मेरी राजनीति की शुरूआत बेहद ईमानदार रही. पिचले दौ साल में मैंने पूरा प्रयास किया है कि मैं ईमान दार रहूं. आज जो हुआ उसे देखकर मुझे दुख भी है और चिंता भी है. मैं इसके खिलाफ जांच करवाऊंगी और दोषियों को छोड़ा नहीं जाएगा.''


संदीप सिंह विदेश में नहीं हो सका संपर्क
वहीं मंत्री संदीप सिंह से एबीपी न्यूज ने बात करने की कोशिश की तो वो विदेश में थे जिस वजह से उनका पक्ष नहीं मिल पाया है. एबीपी न्यूज़ जल्द ही उनका पक्ष भी सामने लाने की कोशिश करेगा. एबीपी न्यूज़ के खुलासे के बाद पूरे महकमे में हड़कंप मचा हुआ है, इसके साथ ही सभी के मन में ये सवाल गूंज रहा है कि मुख्यमंत्री की नाक के नीचे इतनी बड़ा कांड चल रहा था और किसी को कानों कान खबर तक नहीं थी.


खुफिया कैमरे पर राजभर के सचिव ने क्या कहा?
एबीपी न्यूज के अंडरकवर रिपोर्टर उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर के निजी सचिव ओम प्रकाश कश्यप के पास एक सूत्र के साथ पहुंचे. हमारे रिपोर्टर ने एक बेसिक शिक्षा अधिकारी का ट्रांसफर करवाने के लिए राजभर के निजी सचिव ओम प्रकाश कश्यप से बात की. रिपोर्टर ने उनसे जब इस काम का रोट पूछा तो उन्होंने साफ साफ शब्दों में कहा कि 30 से 40 (लाख) तो चलता है.


खुफिया कैमरे में कैद बाकी दो सचिव ने क्या कहा?
ऑपेशन सीएम की नाक के नीचे में यूपी की खनन मंत्री अर्चना पांडे के निजी सचिव एसपी त्रिपाठी भी खनन डीलिंग करते हुए कैद हुए. एसपी त्रिपाठी ने एबीपी न्यूज के अंडरकवर रिपोर्टर से कहा कि आपकी पैसा लगाने वाली पार्टी अच्छी होनी चाहिए बाकी कोई दिक्कत नहीं, इधर तो पैसा बहुत है.


सरकारी स्कूल में बच्चों को दी जाने वाली किताबों की सप्लाई का ठेका पाने के लिए कैसे घूस का गिरोह चलता है. बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री संदीप सिंह के निजी सचिव संतोष अवस्थी एबीपी न्यूज के अंडरकवर रिपोर्टर के खुफिया कैमरे पर इसके लिए डील करने को तैयार हो गए.


यहां देखें ऑपरेशन 'सीएम की नाक के नीचे' का पूरा इंटरव्यू