CM Pushkar Singh Dhami: जोशीमठ में स्थिति नाजुक बनी हुई है. स्थानीय लोगों में अभी भी डर का माहौल है. खतरनाक इमारतों से लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है. इसी बीच राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जोशीमठ की मौजूदा स्थिति और मकानों को तोड़े जाने को लेकर बयान दिया है. मुख्यमंत्री ने कहा है कि अभी जोशीमठ में किसी भी प्रकार से घरों को तोड़ा नहीं जा रहा है.


मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि जोशीमठ प्रभावित क्षेत्र और प्रभावित लोगों को शिफ्ट किया जा रहा है. 90 फीसदी के आसपास परिवारों को शिफ्ट किया जा चुका है और जहां-जहां भी स्थिति गंभीर लग रही है वहां से भी लोगों को शिफ्ट किया जा रहा है.


मुख्यमंत्री ने कहा, "अभी किसी के भी मकान को तोड़ा नहीं जा रहा है, लेकिन आवश्यकता पड़ने पर खाली करवाया जा रहा है. जोशीमठ में 60% से ज्यादा चीजें सामान्य रूप से चल रही हैं."


क्या है पुनर्वास का प्लान?


पुष्कर सिंह धामी ने पुनर्वास के प्लान को लेकर भी अपना रुख साफ किया. उन्होंने कहा कि अब पुनर्वास की कार्यवाही को कर रहे हैं. धामी ने कहा, "आपदा आई है, प्राकृतिक आपदा है लेकिन उसके बाद जो भी कार्रवाई है उसके लिए हम सारे फैसले ले रहे हैं और प्लान कर रहे हैं."


जोशीमठ में भू-धंसाव, क्या बोला HC?


बद्रीनाथ और हेमकुंड साहिब जैसे प्रसिद्ध तीर्थस्थलों और अंतरराष्ट्रीय स्कीइंग स्थल औली का प्रवेश द्वार जोशीमठ भूमि धंसने के कारण एक बड़ी चुनौती का सामना कर रहा है. कस्बे में रहने वाले कुल 169 परिवारों को अब तक राहत केंद्रों में स्थानांतरित किया जा चुका है. इस पूरे मामले पर गुरुवार को उत्तराखंड हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को भूमि धंसाव प्रभावित जोशीमठ कस्बे के लिए एक मजबूत योजना बनाने का निर्देश दिया. अदालत ने यह निर्देश भी दिया कि जोशीमठ के आसपास के क्षेत्रों में निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश तुरंत पारित किया जाए.


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