Revanth Reddy On Adani Group Donation: गौतम अडानी ग्रुप पर अमेरिका के लगाए गए आरोपों के बाद देश में हलचल तेज है और मामले पर राजनीति भी हो रही है. ताजा घटनाक्रम में सोमवार (25 नवंबर) को तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने अडानी ग्रुप से 100 करोड़ रुपये का दान लेने से इनकार कर दिया.
उन्होंने कहा, "कई कंपनियों ने यंग इंडिया स्किल यूनिवर्सिटी को फंड दिया है. इसी तरह, अडानी समूह ने भी 100 करोड़ रुपये दिए हैं. कल, हमने सरकार की ओर से अडानी को एक चिट्ठी लिखी, जिसमें कहा गया कि राज्य सरकार अडानी ग्रुप की ओर से दिए गए 100 करोड़ रुपये को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है. मैं राज्य सरकार की ओर से अडानी समूह से 100 करोड़ रुपये स्वीकार न करने के निर्णय को दोहराना चाहता हूं."
अडानी ग्रुप को लिखी चिट्ठी में तेलंगाना सरकार ने क्या कहा?
औद्योगिक संवर्धन, उद्योग और वाणिज्य विभाग के विशेष मुख्य सचिव और आयुक्त जयेश रंजन की ओर से डॉ. प्रीति अडानी को लिखी गई चिट्ठी में कहा गया, "हम आपके फाउंडेशन की ओर से यंग इंडिया स्किल्स यूनिवर्सिटी को 100 करोड़ रुपये देने के लिए आपके आभारी हैं, जिसके लिए आपने 18.10.2024 को पत्र लिखा था. हमने अभी तक किसी भी दानकर्ता से धन के भौतिक हस्तांतरण के लिए नहीं कहा है, क्योंकि विश्वविद्यालय को धारा 80 जी के तहत आईटी छूट नहीं मिली है. हालांकि यह छूट आदेश अभी हाल ही में आया है, लेकिन मुझे माननीय मुख्यमंत्री की ओर से वर्तमान परिस्थितियों और उत्पन्न विवादों के मद्देनजर धन हस्तांतरण की मांग न करने का निर्देश दिया गया है."
विपक्ष के आरोपों पर सीएम रेड्डी की सफाई
रेवंत रेड्डी ने अडानी फंड विवाद पर अपनी सरकार की स्थिति स्पष्ट की और इसे राजनीति से प्रेरित मुद्दा बताया. उन्होंने राज्य के विकास और युवाओं के कौशल विकास को प्राथमिकता देने की बात कही, साथ ही विपक्ष पर झूठे आरोप लगाने का आरोप लगाया.
मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने अडानी फाउंडेशन की ओर से दिए गए 100 करोड़ रुपये के योगदान पर सफाई दी. उन्होंने कहा कि यह फंड राज्य सरकार ने स्वीकार नहीं किया है और इस मुद्दे को राजनीतिक विवाद में घसीटा जा रहा है. उन्होंने कहा, “कुछ लोग राज्य सरकार पर अडानी से फंड लेने का झूठा आरोप लगा रहे हैं. नियमों के अनुसार निवेश और कॉर्पस फंड के लिए किसी भी कंपनी को मौका दिया जा सकता है.”
मुख्यमंत्री ने कहा कि “स्किल्स यूनिवर्सिटी” जैसी पहल को विवाद में घसीटना दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने अपील की कि इस मुद्दे को राजनीति से दूर रखा जाए. रेवंत रेड्डी ने कहा कि भाजपा शासित राज्यों ने अडानी के साथ कई समझौते किए हैं, फिर भी आरोप तेलंगाना सरकार पर लगाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा, “हमने अडानी से कुछ भी मुफ्त में नहीं लिया, जैसा कि केसीआर ने किया था.” उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य का विकास उनकी प्राथमिकता है और विपक्ष की आलोचना उन्हें रोक नहीं सकती.
तेलंगाना की कांग्रेस सरकार ने क्यों लिया ये फैसला?
अमेरिका में अडानी पर आरोप लगने के बाद, तेलंगाना सरकार और मुख्यमंत्री रेड्डी को राज्य में निवेश के लिए अडानी ग्रुप को लगातार लुभाने के लिए भारत राष्ट्र समिति और भाजपा की आलोचना का सामना करना पड़ा. आलोचना के बाद सीएम रेड्डी ने कहा, "तेलंगाना के सम्मान और गरिमा की रक्षा करने तथा मेरे और मेरे कैबिनेट सहयोगियों से जुड़े किसी भी अवांछित विवाद से बचने के लिए हमने अडानी के दान को अस्वीकार करने का फैसला किया है. हमने किसी से एक रुपया भी नहीं लिया है."
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