MP Election 2023: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इन दिनों गजब जल्दबाजी में हैं. आचार संहिता लगने की आहट में वो रोज ताबड़तोड़ तरीके से भूमिपूजन और लोकार्पण कर रहे हैं.


भोपाल में शुक्रवार (6 अक्टूबर 2023) को उन्होंने 53 हजार करोड़ के 14 हजार से ज्यादा कामों का भूमिपूजन और लोकार्पण किया. कांग्रेस इसे जल्दबाजी में किए काम बताकर दावा कर रही है कि अब शिवराज की विदाई तय है.


53 हजार करोड़ की दी सौगात
भोपाल के रवींद्र भवन में मंच सजा था, जिसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ ही अठारह विभाग के बड़े अफसर बैठे थे. मौका था प्रदेश में 53 हजार करोड़ रूपये के 14 हजार से ज्यादा कामों का भूमिपूजन और लोकार्पण का.


अखबारों में बड़े-बड़े विज्ञापन छपे थे और भोपाल के इस कार्यक्रम का प्रदेश में जिन जगहों के ये काम हैं, वहां भी लाइव प्रसारण हो रहा था. मुख्यमंत्री पूरे जोश में बता रहे थे कि ये सारे काम प्रदेश की तस्वीर बदल देंगे और मध्यप्रदेश अब विकसित राज्य हो जाएगा.


'कर्ज लेकर काम करना गलत नहीं'
आचार संहिता की आहट के कारण ये सारे वो काम थे, जो मुख्यमंत्री उन संबंधित जिलों में मंच पर सभा लगाकर करने वाले थे, मगर अब आनन-फानन में किए गए. आज के इस कार्यक्रम में लोकार्पणों के कामों की राशि कम भूमिपूजन की राशि ज्यादा थी. मतलब लोकार्पण हुए करीब आठ हजार करोड़ रूपये के तो भूमिपूजन किये गए 45 हजार करोड़ के.


भूमिपूजन के बाद काम कराने का जिम्मा अब नई सरकार का होगा. शिवराज ने इस बात पर भी कहा कि कर्ज लेकर काम करना कुछ गलत नहीं होता. सारी सरकारें कर्ज लेती और काम करती हैं.


मामा की चलाचली की बेला- कांग्रेस
शिवराज सिंह चौहान का कोई दिन खाली नहीं जा रहा, जब वो तीन से चार जिलों में जाकर लोकार्पण और भूमिपूजन ना कर रहे हों. दावा है कि बीते तीन माह में मुख्यमंत्री करीब 25 हजार करोड़ की जनहित में घोषणाएं कर चुके है, जिनमें लाडली बहना योजना से लेकर अनेक वर्ग के कर्मचारियों के वेतन और भत्ते बढ़ाना भी है. कांग्रेस इसे मामा की चलाचली की बेला बता रही हैं.


ताबड़तोड़ लोकार्पण में क्यों जुटे शिवराज?
सीएम शिवराज अपने काम में तेजी से जुटे हैं. कल वो उज्जैन में थे तो महाकाल लोक के दूसरे फेज के करीब ढाई सौ करोड़ के काम का लोकार्पण किया. भोपाल के कार्यक्रम निपटा कर वो दोपहर में डिंडोरी निकल गए, जहां भी उनको ऐसे ही सरकारी कार्यक्रम में शामिल होना था. साफ है आचार संहिता की तेजी दिख रही है .


बीजेपी आलाकमान उनको साइड लाइन कर रही है, मगर इससे बेपरवाह शिवराज काम में जुटे हैं. ये बताने कि बीजेपी की सरकार बनने के बाद वो ही मुख्यमंत्री बनेगे.


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