CM Stalin on Yogi Adityanath: 'अब योगी आदित्यनाथ हमें नफरत पर लेक्चर दे रहे, ये ब्लैक कॉमेडी', यूपी CM के बयान पर स्टालिन का पलटवार
CM Stalin: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ के उस बयान पर प्रतिक्रिया दी है, जिसमें उन्होंने डीएमके सरकार पर वोट के लिए विभाजन की नीति अपनाने का आरोप लगाया था.

CM Stalin on Yogi Adityanath: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हालिया पॉडकास्ट पर करारा जवाब दिया है. उन्होंने कहा है कि हम वोट के लिए दंगे की राजनीति नहीं करते, इसलिए यूपी सीएम को हमें लेक्चर नहीं देना चाहिए.
दरअसल, योगी आदित्यनाथ ने एएनआई के एक पॉडकास्ट में तमिलनाडु की सत्ताधारी पार्टी डीएमके पर खूब निशाना साधा था. उन्होंने कहा था कि जब भी उनका (DMK) वोट बैंक खतरे में होता है तो वह विभाजन करने वाली राजनीति करते हैं. उन्होंने यह भी कहा था कि देश की जनता को ऐसी विभाजनकारी राजनीति से सदैव सावधान रहना चाहिए और देश की एकता के लिए दृढ़ रहना चाहिए. योगी ने यह टिप्पणी तमिलनाडु में चल रहे राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तीन भाषा फार्मूले और परिसीमन के विरोध पर कही थी. पिछले दो महीने से इन दोनों मुद्दों पर तमिलनाडु की डीएमके सरकार केंद्र के खिलाफ आर-पार के मूड में नजर आई है.
'यह दंगे की राजनीति नहीं'
तमिलनाडु सीएम स्टालिन ने कहा, 'तमिलनाडु की "दो भाषा नीति" और "निष्पक्ष परिसीमन" पर दृढ़ आवाज पूरे देश में गूंज रही है. भाजपा स्पष्ट रूप से घबरा गई है. अब उनके नेताओं के इंटरव्यू देखें. सीएम योगी आदित्यनाथ हमें नफरत पर व्याख्यान देना चाहते हैं? यह एक राजनीतिक ब्लैक कॉमेडी जैसा है. हम किसी भी भाषा का विरोध नहीं करते. हम किसी भी चीज को थोपने और अंधराष्ट्रवाद का विरोध करते हैं. यह वोट के लिए दंगा कराने की राजनीति नहीं है. यह सम्मान और न्याय की लड़ाई है.'
Tamil Nadu’s fair and firm voice on #TwoLanguagePolicy and #FairDelimitation is echoing nationwide—and the BJP is clearly rattled. Just watch their leaders’ interviews.
— M.K.Stalin (@mkstalin) March 27, 2025
And now Hon’ble Yogi Adityanath wants to lecture us on hate? Spare us. This isn’t irony—it’s political black… https://t.co/NzWD7ja4M8
भाषा विवाद पर क्या बोले थे योगी?
सीएम योगी ने कहा था, 'देश को भाषा या क्षेत्र के आधार पर नहीं बांटा जाना चाहिए. तमिल भारत की सबसे पुरानी भाषाओं में से एक है और इसका इतिहास संस्कृत जितना ही पुराना है. तमिल के प्रति हर भारतीय का आदर और सम्मान है क्योंकि इस भाषा में भारतीय विरासत के कई तत्व आज भी जीवित हैं. फिर उन्हें हिंदी से नफरत क्यों करनी चाहिए?'
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