मुंबई: मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने एनआरसी का विरोध किया है. उद्धव ठाकरे ने कहा कि एनआरसी हिंदूओं के साथ सभी धर्म के लिए चिंता का विषय है. उन्होंने कहा कि एनआरसी को लागू नहीं होने दिया जाएगा. वहीं सीएए पर अपनी बात रखते हुए उन्होंने कहा कि सीएए नागरिकता देने का कानून है इसीलिए इसका विरोध करने के बजाए इस पर चर्चा करके इसे समझना और लोगों में इसके प्रति फैली गलतफहमी को दूर करना जरूरी है.
सीएए पर बोले उद्धव ठाकरे
सीएम ठाकरे ने कहा कि सीएए को हमें ठीक से समझना होगा. सीएए किसी को देश के बाहर निकालने का कानून नहीं है. हमारे पड़ोसी देशों में ज्यादातर लोग हिंदू अल्पसंख्यक हैं. उन्होंने कहा कि पड़ोसी देश पाकिस्तान और बांग्लादेश हैं. जो कि इस्लामी देश हैं. उन्होंने केंद्र सरकार से जवाब मांगा कि वह शरण मांगने वालों के आंकड़े दे. साथ ही उन्होंने पूछा कि अगर वह लोग देश में आतें है तो वह कहां रहेंगे? उनके बच्चे कहां पढ़ेंगे?
जब उनसे पूछा गया कि देश का मुसलमान बेहद डरा हुआ है तो उन्होंने कहा कि देश के मुसलमानों को सीएए से डरने की जरूरत नहीं है. जिस विषय को लेकर लोग चिंतित है वो है एनआरसी. जब उनसे पूछा गया कि 40 % हिंदू इस कानून से प्रभावित होंगे तो उन्होंने कहा कि देश के सभी नागरिकों को अपनी नागरिकता साबित करनी होगी. आज मुसलमान इसके खिलाफ सड़कों पर हैं. एनआरसी हिंदुओं के लिए भी संकट है. आसाम की अगर बात करें तो वहां 19 लाख लोग अपनी नागरिकता साबित नहीं कर पाए. इसको लेकर सवाल खड़े किए गए. इन 19 लाख लोगों में 14 लाख लोग हिंदू हैं.
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