नागपुरः नागरिकता कानून को लेकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और एनडीए के पूर्व सहयोगी उद्धव ठाकरे ने बीजेपी पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि या कानून सावरकर का 'अपमान' है जो सिंधु नदी से लेकर कन्याकुमारी तक की भूमि 'एक देश' के तहत लाना चाहते थे. उद्धव ठाकरे ने कहा कि संशोधित नागरिकता कानून जैसे मुद्दे दरअसल 'महिला सुरक्षा, बेरोजगारी और कृषि संकट' जैसे असल मुद्दों से 'ध्यान भटकाने' के लिये उठाये जा रहे हैं.


उद्धव ठाकरे ने कहा कि नागरिकता कानून हिंदुत्व विचारक वी डी सावरकर के विचारों के खिलाफ है जिन्हें संघ परिवार काफी सम्मान देता है.


शिवसेना प्रमुख ठाकरे ने कहा, ‘‘सावरकर ने सिंधु नदी से कन्याकुमारी तक की भूमि एक देश के तहत लाने की मांग की थी. ऐसा करने के बजाय, बीजेपी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार सावरकर के खिलाफ जाकर प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को भारत में स्वीकार कर रही है, जो उनका अपमान है.’’


सिंधु नदी का उद्गम तिब्बती पठार में होता है और यह नदी लद्दाख से होते हुए गिलगित बाल्तिस्तान क्षेत्र हिंदूकुश रेंज और उसके बाद पूरे पाकिस्तान से होते हुए कराची के पास अरब सागर में गिरती है.


CM ठाकरे का सवाल


उन्होंने सवाल किया, ‘‘क्या सीएए विचारधारा पर आधारित है? इसे लेकर हो रही हिंसा का क्या? सीएए सावरकर के विचारों के खिलाफ है...शिवसेना को घेरने की बजाय बीजेपी सावरकर के मुद्दे पर आक्रामक क्यों नहीं है, जैसी वह नागरिकता कानून को लेकर है?’’


मुख्यमंत्री ने कहा कि सावरकर को लेकर शिवसेना के रुख में कोई परिवर्तन नहीं आया है. एक दिन पहले शिवसेना ने राहुल गांधी द्वारा सावरकर के खिलाफ टिप्पणी किये जाने पर तीखी प्रतिक्रिया जतायी थी.


महाराष्ट्र में नागरिकता कानून लागू करने के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि यह सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर निर्भर करेगा.


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उन्होंने कहा, ‘‘हम नये कानून की वैधता की जांच पड़ताल कर रहे हैं. कुछ लोगों ने सीएए को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. हम यह पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं कि नया कानून संविधान के ढांचे में फिट होता है या नहीं.’’


सीएम ठाकरे ने कहा, ‘‘नये कानून पर हमारे सवालों का अभी तक उत्तर नहीं मिला है. हम (सीएए को लागू करना है या नहीं) फैसला अदालत के निर्णय के आधार पर करेंगे.’’


किन-किन राज्यों ने किया इंकार


गैर बीजेपी शासित राज्यों जैसे केरल, पश्चिम बंगाल और पंजाब ने सीएए लागू करने के खिलाफ निर्णय किया है. नए कानून को लेकर ठाकरे की यह टिप्पणी सावरकर को लेकर राहुल गांधी की टिप्पणी को लेकर हंगामे के एक दिन बाद आयी है.


दिल्ली में शनिवार को कांग्रेस की एक रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने ‘‘रेप इन इंडिया’’ टिप्पणी को लेकर बीजेपी की माफी की मांग खारिज करते हुए कहा था कि उनका नाम राहुल गांधी है, ‘‘राहुल सावरकर’’ नहीं और वह कभी भी सच बोलने के लिए माफी नहीं मांगेंगे.


ठाकरे ने कहा कि बीजेपी नीत केंद्र सरकार ने प्रताड़ित अल्पसंख्यकों के नाम पर देश में एक ‘‘भय का माहौल’’ बनाया है जिन्हें नये कानून के तहत भारतीय नागरिकता प्रदान की जाएगी. सरकार ने वास्तवित मुद्दे को दरकिनार कर दिया है.


उन्होंने कहा, ‘‘यदि अल्पसंख्यकों को उन पड़ोसी देशों में प्रताड़ित किया जा रहा था तो केंद्र सरकार ने उन देशों से क्यों नहीं पूछा कि उनके खिलाफ तथाकथित अत्याचार क्यों हो रहे हैं.


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