महाराष्ट्र: उद्धव ठाकरे के सीएम बने रहने का रास्ता साफ, कांग्रेस नहीं उतारेगी दूसरा उम्मीदवार
उद्धव ठाकरे अभी विधान मंडल के किसी सदन के सदस्य नहीं थे. संविधान के मुताबिक सीएम पद की शपथ लेने के छह महीने के भीतर उन्हें विधानमंडल के किसी एक सदन की सदस्यता लेनी थी.
नई दिल्ली: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के विधान परिषद सदस्य (MLC) बनने का रास्ता साफ हो गया है. महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष बालासाहेब थोराट ने कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे निर्विरोध विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) बनने वाले हैं क्योंकि कांग्रेस अपना एक उम्मीदवार हटाएगी. दरअसल, इससे पहले कांग्रेस की ओर से राजेश राठोड़ और राजकिशोर मोदी के नामों की घोषणा बतौर उम्मीदवार की गई है. इससे सत्ताधारी महाविकास आघाडी के आपसी समीकरण बिगड़ गए थे.
21 मई को होने हैं विधान परिषद के चुनाव
बाद में कांग्रेस ने उम्मीदवार का नाम वापस लेने का एलान किया है. राज्य में 21 मई को विधान परिषद के चुनाव होने हैं. गौरतलब है कि उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के लिए मई महीने के भीतर विधान परिषद का सदस्य बनना जरूरी हो गया था, वरना उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ता.
28 नवंबर 2019 को मुख्यमंत्री बने थे उद्धव ठाकरे
संविधान के मुताबिक सीएम पद की शपथ लेने के 6 महीने के भीतर उन्हें विधीमंडल के किसी एक सदन का सदस्य होना है और उनकी मियाद 28 मई को पूरी हो रही थी. ये चुनाव अप्रैल मे होने थे लेकिन लॉकडाउन की वजह से रद्द कर दिये गए. हाल ही में सभी पार्टियों की मांग पर चुनाव का एलान हुआ. उद्धव ठाकरे ने 28 नवंबर 2019 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी.
पहली बार कोई चुनाव लड़ेंगे उद्धव
गौरतलब है कि उद्धव ठाकरे ने अभी तक कोई चुनाव नहीं लड़ा था. ऐसे में ये उनके राजनीतिक जीवन का पहला चुनाव होगा. उनके बेटे आदित्य ठाकरे, ठाकरे परिवार के पहले सदस्य हुए जिन्होंने पिछले साल विधानसभा चुनाव लड़ा. अपने बेटे के बाद अब खुद उद्धव ठाकरे कोई चुनाव लड़ने जा रहे हैं.
इससे पहले महाराष्ट्र की कैबिनेट ने दो बार राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से सिफारिश की थी कि वे अपने कोटे से उद्धव ठाकरे को विधान परिषद का सदस्य मनोनीत कर दें. राज्यपाल के कोटे की दो सीटें खाली हैं. राज्यपाल के पास दो बार कैबिनेट ने सिफारिश भेजी लेकिन कोई जबाव नहीं मिला. इसके बाद राज्य में विधान परिषद के चुनाव का एलान किया गया.