गुजरात में आज से लागू हुआ सामान्य वर्ग को 10 फीसदी आरक्षण देने वाला कानून
General category reservation: आठ लाख रुपये तक की वार्षिक आमदनी वालों को आरक्षण का लाभ मिलेगा. इस कानून को मोदी सरकार के मास्टर स्ट्रोक के तौर पर देखा जा रहा है.
नई दिल्ली: बीजेपी शासित गुजरात सामान्य वर्ग के लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने वाला पहला राज्य बन गया है. मुख्यमंत्री विजय रुपानी ने कहा कि कानून को लागू कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि गुजरात में जिन नौकरियों और कॉलेजों के लिए भर्ती परीक्षा की प्रक्रिया हो पूरी हो चुकी है वहां 10 फीसदी आरक्षण लागू नहीं किया जाएगा. जहां सिर्फ विज्ञापन आया है वहां आरक्षण लागू होगा. अब विज्ञापन दोबारा से जारी किया जाएगा.
Happy to state that the Government Of Gujarat has decided to implement 10% EWS reservation benefits from 14th January, 2019. It will be implemented in all ongoing recruitment process too wherein there is only Advertisement published but first stage of examination is yet to held.
— Vijay Rupani (@vijayrupanibjp) January 13, 2019
ध्यान रहे कि लोकसभा चुनाव से पहले करीब एक सप्ताह के भीतर आरक्षण के प्रस्ताव को कानून के रूप में बदला गया है. मोदी कैबिनेट ने पिछले सोमवार को सामान्य वर्ग में आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के लिए नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में 10 प्रतिशत आरक्षण को मंजूरी दी थी. जिसके बाद इस प्रस्ताव को लोकसभा में पेश किया गया. निचले सदन से मंजूरी के बाद इसे राज्यसभा भेजा गया. जहां से लंबी चर्चा के बाद मंजूरी मिल गई.
इसके बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को सामान्य वर्ग के गरीबों को नौकरियों और शिक्षा में 10 फीसदी आरक्षण से संबंधित संविधान (124वां संशोधन) अधिनियम 2019 को मंजूरी दी. यह कानून संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 में संशोधन कर सामान्य वर्ग के गरीबों को आरक्षण का प्रावधान करता है. इसके तहत आठ लाख रुपये तक की वार्षिक आमदनी वालों को आरक्षण का लाभ मिलेगा. इस कानून को मोदी सरकार के मास्टर स्ट्रोक के तौर पर देखा जा रहा है.
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