नई दिल्ली: बीजेपी शासित गुजरात सामान्य वर्ग के लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने वाला पहला राज्य बन गया है. मुख्यमंत्री विजय रुपानी ने कहा कि कानून को लागू कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि गुजरात में जिन नौकरियों और कॉलेजों के लिए भर्ती परीक्षा की प्रक्रिया हो पूरी हो चुकी है वहां 10 फीसदी आरक्षण लागू नहीं किया जाएगा. जहां सिर्फ विज्ञापन आया है वहां आरक्षण लागू होगा. अब विज्ञापन दोबारा से जारी किया जाएगा.





ध्यान रहे कि लोकसभा चुनाव से पहले करीब एक सप्ताह के भीतर आरक्षण के प्रस्ताव को कानून के रूप में बदला गया है. मोदी कैबिनेट ने पिछले सोमवार को सामान्य वर्ग में आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के लिए नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में 10 प्रतिशत आरक्षण को मंजूरी दी थी. जिसके बाद इस प्रस्ताव को लोकसभा में पेश किया गया. निचले सदन से मंजूरी के बाद इसे राज्यसभा भेजा गया. जहां से लंबी चर्चा के बाद मंजूरी मिल गई.


इसके बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को सामान्य वर्ग के गरीबों को नौकरियों और शिक्षा में 10 फीसदी आरक्षण से संबंधित संविधान (124वां संशोधन) अधिनियम 2019 को मंजूरी दी. यह कानून संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 में संशोधन कर सामान्य वर्ग के गरीबों को आरक्षण का प्रावधान करता है. इसके तहत आठ लाख रुपये तक की वार्षिक आमदनी वालों को आरक्षण का लाभ मिलेगा. इस कानून को मोदी सरकार के मास्टर स्ट्रोक के तौर पर देखा जा रहा है.


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